उच्चतम न्यायालय ने आवारा कुत्तों के मामले में सुनवाई की शुरुआत की

उच्चतम न्यायालय ने आवारा कुत्तों के मामले में सुनवाई शुरू की है, जिसमें सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है। न्यायालय ने अनुपालन हलफनामों की स्थिति पर सवाल उठाए हैं, खासकर पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के संबंध में। सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने अनुपालन न करने पर नाराजगी व्यक्त की और सभी राज्यों से आवश्यक जानकारी मांगी। यह मामला पशु जन्म नियंत्रण नियमों के अनुपालन से संबंधित है, जो न्यायालय की निगरानी में है।
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उच्चतम न्यायालय ने आवारा कुत्तों के मामले में सुनवाई की शुरुआत की

आवारा कुत्तों के मामले में उच्चतम न्यायालय की सुनवाई

सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने आवारा कुत्तों से संबंधित मामले की सुनवाई आरंभ की। इस दौरान, न्यायालय ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को उपस्थित होने का आदेश दिया।


सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की विशेष पीठ को बताया कि अधिकांश राज्यों ने अनुपालन हलफनामे प्रस्तुत कर दिए हैं।


पीठ ने आंध्र प्रदेश के वकील से पूछा कि पिछली सुनवाई पर अनुपालन हलफनामा क्यों नहीं पेश किया गया। इस समय सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव अदालत में उपस्थित हैं। मामले की सुनवाई जारी है।


27 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तीन नवंबर को उपस्थित होकर यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया था कि अदालत के 22 अगस्त के आदेश के बावजूद अनुपालन हलफनामे क्यों नहीं दाखिल किए गए।


पीठ ने अनुपालन न करने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि 27 अक्टूबर तक पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को छोड़कर किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने अनुपालन हलफनामे नहीं दिए थे। शीर्ष अदालत ने 22 अगस्त को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियमों के अनुपालन के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी थी।