ईरान में मोसाद का ऑपरेशन: खामेनेई के करीबी की हत्या से बढ़ी चिंता

ईरान और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष में मोसाद का ऑपरेशन जारी है, जिसमें ईरान के सुप्रीम लीडर के करीबी अली ताएब की हत्या ने नई चिंताएँ पैदा कर दी हैं। इस घटना को ईरान में संभावित कत्लेआम की शुरुआत माना जा रहा है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और कैसे मोसाद ने ईरान में अपने प्रभाव को बढ़ाया है।
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ईरान में मोसाद का ऑपरेशन: खामेनेई के करीबी की हत्या से बढ़ी चिंता

ईरान-इजराइल संघर्ष का नया अध्याय

ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष को तीन सप्ताह हो चुके हैं। हालाँकि, मिसाइलों और फाइटर जेट्स की गतिविधियाँ थम गई हैं, लेकिन ईरान में मोसाद का अभियान अभी भी जारी है। हाल ही में ईरान के शीर्ष अधिकारियों में से एक, अली ताएब की हत्या ने इस स्थिति को और गंभीर बना दिया है। अली ताएब, जो ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी माने जाते थे, की हत्या में मोसाद का हाथ होने का संदेह है। यह घटना ईरान में संभावित कत्लेआम की शुरुआत मानी जा रही है, और कहा जा रहा है कि यह सिलसिला तब तक जारी रहेगा जब तक खामेनेई जीवित हैं।


मोसाद का प्रभाव और ईरान में आतंक

ईरान में मोसाद के ऑपरेशन के कारण एक अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। कोई नहीं जानता कि ईरान के सुप्रीम लीडर का नाम किस गोली पर लिखा है या कब कौन सा ड्रोन ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान की हत्या का कारण बन सकता है। ईरान-इजराइल युद्ध समाप्त होने के लगभग 20 दिन बाद भी मोसाद के एजेंट सक्रिय हैं और खामेनेई के करीबी लोगों को निशाना बना रहे हैं।


अली ताएब की रहस्यमय मौत

अली ताएब की मौत की खबरें तेहरान के चितगर क्षेत्र में एक इमारत में विस्फोट के बाद आईं। माना जा रहा है कि वह उस समय इमारत में मौजूद थे। उनकी हत्या खामेनेई के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वह खामेनेई के लिए महत्वपूर्ण जानकारी लाते थे।


मोसाद के नए लक्ष्य

मोसाद ने ईरान में एक जाल बिछा रखा है, जिसका संकेत 12 दिन के युद्ध के दौरान ही देखने को मिला था। ईरान के डिफेंस सिस्टम और बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चर्स को निष्क्रिय करने के साथ-साथ, ईरान के सैन्य ठिकानों पर ड्रोन हमले भी किए गए थे। ईरान में मोसाद के ठिकानों को नष्ट करने के प्रयास जारी हैं।


इजराइल के लक्ष्य अभी भी जीवित

हालांकि ईरान-इजराइल युद्ध समाप्त हो चुका है, लेकिन इजराइल के लक्ष्य अभी भी जीवित हैं। मोसाद का मिशन इन लक्ष्यों को समाप्त करना है, लेकिन यदि वे सफल होते हैं, तो इसका परिणाम अरब में एक बड़ी जंग हो सकता है।