ईरान में बढ़ते विरोध प्रदर्शन: आर्थिक संकट और महंगाई की मार
ईरान में उथल-पुथल का माहौल
नई दिल्ली। पिछले 48 घंटों से ईरान के विभिन्न शहरों में भारी अशांति देखी जा रही है। ईरानी रियाल की कीमत अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ऐतिहासिक निम्नतम स्तर पर पहुँच गई है, जबकि महंगाई दर 42.2 प्रतिशत तक पहुँच गई है, जिसमें खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 72 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस स्थिति के चलते सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के नेतृत्व में धार्मिक शासन को तीन साल में सबसे बड़े जन-विरोधी आंदोलन का सामना करना पड़ रहा है। तेहरान के ग्रैंड बाजार से शुरू हुए ये विरोध प्रदर्शन अब मशहद, इस्फहान, शिराज, और हमदान जैसे कई शहरों में फैल चुके हैं.
विरोध प्रदर्शनों की आवाज
ईरानी-अमेरिकी पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया कि ईरान से आए वीडियो में लोग एकजुट होकर नारे लगा रहे हैं, जैसे ‘मुल्लाओं को ईरान छोड़ना होगा’ और ‘तानाशाही मुर्दाबाद’। उनके अनुसार, यह उन लोगों की आवाज है जो अब इस्लामिक रिपब्लिक को नहीं चाहते। 9.2 करोड़ की जनसंख्या वाले इस देश में आर्थिक संकट और कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति ने खामेनेई शासन के लिए गंभीर चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। यह संकट ऐसे समय में आया है जब ईरान पहले से ही अपने परमाणु ठिकानों पर इजरायल और अमेरिका की गतिविधियों के दबाव में है।
एक तस्वीर ने खींचा ध्यान
इस बीच, ईरानी प्रवासियों द्वारा साझा की गई एक तस्वीर ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें तेहरान की एक हाईवे पर एक व्यक्ति अकेले और शांत बैठा है, जबकि मोटरसाइकिल पर सवार सुरक्षाबल उसकी ओर बढ़ रहे हैं। यूनाइटेड अगेंस्ट न्यूक्लियर ईरान (UANI) के पॉलिसी डायरेक्टर जेसन ब्रॉडस्की ने इस दृश्य की तुलना 1989 के तियानआनमेन स्क्वायर आंदोलन की प्रसिद्ध तस्वीर ‘टैंक मैन’ से की है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि सड़कों पर शाह समर्थक नारे भी सुनाई दिए हैं, जिनकी सत्ता को 1979 में खामेनेई समर्थित आंदोलन ने उखाड़ फेंका था।
सरकार की प्रतिक्रिया
हालांकि, ईरानी सरकारी मीडिया ने इन प्रदर्शनों को सीमित बताने की कोशिश की है। सरकारी समाचार एजेंसी IRNA ने इसे राजनीतिक नहीं, बल्कि आर्थिक असंतोष करार दिया और कहा कि रियाल के गिरने से नाराज मोबाइल फोन विक्रेताओं ने प्रदर्शन किया। सुरक्षा बलों ने आंसू गैस और बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ईरान के सेंट्रल बैंक के गवर्नर मोहम्मद रेजा फरजिन ने इस्तीफा दे दिया है, जिसे राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने स्वीकार कर लिया है। राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर कहा कि लोगों की आजीविका उनकी प्राथमिक चिंता है और सरकार मौद्रिक सुधार करने की योजना बना रही है।
