ईरान में ट्रक चालकों की हड़ताल से थम गईं सड़कें और प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था

ईरान में ट्रक चालकों की हड़ताल ने देश की सड़कें सुनसान कर दी हैं और अर्थव्यवस्था को हिला दिया है। यह हड़ताल 22 मई को शुरू हुई और तेजी से 135 से अधिक शहरों में फैल गई। ट्रक चालकों की नाराजगी का मुख्य कारण महंगा डीजल और नई डीजल मूल्य निर्धारण नीति है। इस आंदोलन का नेतृत्व एक अर्ध-गोपनीय संगठन कर रहा है, जबकि सरकार ने हड़ताल को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। जानें इस हड़ताल के पीछे के कारण और इसके प्रभाव।
 | 
ईरान में ट्रक चालकों की हड़ताल से थम गईं सड़कें और प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था

ईरान में ट्रक चालकों की हड़ताल का प्रभाव

ईरान में ट्रकों की गतिविधियां ठप हो गई हैं और सड़कें सुनसान हैं। यह हड़ताल देश के इतिहास की सबसे बड़ी श्रमिक हड़तालों में से एक मानी जा रही है, जिसने न केवल परिवहन को प्रभावित किया है, बल्कि ईरान की अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों को भी हिला दिया है। ट्रक चालक अब और सहन नहीं कर सकते, महंगे डीजल, खराब सड़कें और सरकार की नीतियों के खिलाफ उनकी आवाज उठ रही है।


हड़ताल की शुरुआत और विस्तार

यह हड़ताल 22 मई को ईरान के दक्षिणी बंदरगाह शहर बंदर अब्बास से शुरू हुई थी। महज दो दिनों में यह आंदोलन 135 से अधिक शहरों और कस्बों में फैल गया। इस हड़ताल का सबसे अधिक प्रभाव केरमनशाह, खुज़ेस्तान, तेहरान, यज़्द, केरमान और इस्फहान जैसे प्रांतों में देखा गया है।


ट्रक चालकों की नाराजगी के कारण

ट्रक चालकों की नाराजगी कई मुद्दों पर है, जैसे डीजल का कोटा और मूल्य, बीमा और टोल टैक्स का बोझ, सड़क की स्थिति और सुरक्षा, और मालभाड़ा तय करने की प्रक्रिया। विवाद की जड़ नई डीजल मूल्य निर्धारण नीति में है, जिसके तहत निर्धारित कोटे से अधिक डीजल लेने पर कीमतें कई गुना बढ़ जाएंगी।


डीजल की नई नीति पर विवाद

वर्तमान में ट्रक चालकों को 3,000 रियाल प्रति लीटर की सब्सिडी दर पर डीजल मिलता है, जो GPS और बिल के आधार पर निर्धारित होता है। लेकिन सरकार 21 जून से एक नई तीन-स्तरीय योजना लागू करने की योजना बना रही है, जिसमें निर्धारित कोटे से अधिक डीजल पर 2.5 लाख रियाल प्रति लीटर (बाजार दर) वसूला जाएगा। सरकार का कहना है कि इससे तस्करी रुकेगी, जबकि चालकों का मानना है कि कोटा ही पर्याप्त नहीं है और इससे उनकी आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है।


आंदोलन का नेतृत्व

इस हड़ताल का नेतृत्व 'Alliance of Iran Truckers and Truck Drivers Unions (AITTD)' नामक एक अर्ध-गोपनीय संगठन कर रहा है। यह यूनियन 2018 की हड़ताल में भी सक्रिय थी। AITTD टेलीग्राम के माध्यम से संगठन का संचालन कर रही है, जबकि सरकारी मान्यता प्राप्त यूनियनें इसका समर्थन नहीं कर रही हैं। सरकार ने एक ओर डीजल नीति की समीक्षा का आश्वासन दिया है और जो ड्राइवर हड़ताल में शामिल नहीं हैं, उन्हें बोनस देने का प्रस्ताव रखा है। दूसरी ओर, कई स्थानों पर गिरफ्तारियां और संघर्ष हुए हैं।


हड़ताल का प्रभाव

इस हड़ताल का तात्कालिक प्रभाव स्पष्ट है। कृषि और औद्योगिक माल की डिलीवरी में देरी हुई है, और स्टील, पेट्रोकेमिकल और ऑटो सेक्टर पर इसका असर पड़ा है। सप्लाई चेन बुरी तरह बाधित हो गई है, और ट्रक चालकों की भूमिका अब पूरे देश में महसूस की जा रही है। ईरान में 80-90% घरेलू माल ट्रकों के माध्यम से ही परिवहन किया जाता है।