ईरान-इजरायल संघर्ष: जासूसी के आरोप में तीन लोगों को फांसी

ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले युद्ध के बाद सीजफायर लागू हो गया है, लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है। ईरान ने जासूसी के आरोप में तीन लोगों को फांसी दी है और 700 अन्य को गिरफ्तार किया है। जानें इस संघर्ष की पूरी कहानी और ईरान की कार्रवाई के पीछे की वजहें।
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ईरान-इजरायल संघर्ष: जासूसी के आरोप में तीन लोगों को फांसी

ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर के बाद की स्थिति

ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले युद्ध के बाद अब सीजफायर लागू हो गया है। हालांकि, दोनों देशों के बीच तनाव अभी भी उच्च स्तर पर बना हुआ है, और वे एक-दूसरे के खिलाफ तीखे बयान दे रहे हैं। इस बीच, ईरान ने अपने देश में छिपे मोसाद के जासूसों के खिलाफ कठोर कार्रवाई शुरू कर दी है।


आज सुबह, ईरान ने तीन व्यक्तियों को इजरायल के लिए जासूसी करने और हत्या की योजना बनाने के आरोप में फांसी दी। ईरान ने यह भी बताया कि 12 दिन की लड़ाई के दौरान, उसने इजरायल से संबंध रखने के आरोप में 700 लोगों को गिरफ्तार किया है।


जासूसी के आरोप में फांसी

ईरान के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इदरीस अली, आज़ाद शोजाई और रसूल अहमद रसूल ने हत्या के लिए आवश्यक उपकरण ईरान में लाने का प्रयास किया था। इन तीनों के खिलाफ मुकदमा चलाया गया और उन्हें बुधवार सुबह उरमिया शहर में फांसी दी गई।



ईरान ने 13 जून 2025 को इजरायल के खिलाफ युद्ध शुरू होने के बाद से इजरायल के लिए काम करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसी क्रम में, रविवार और सोमवार को भी कुछ आरोपियों को फांसी दी गई।


700 गिरफ्तारियां और खुफिया जानकारी का लीक

ईरान ने हालिया युद्ध के दौरान इजरायल से संबंध रखने के आरोप में 700 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी राज्य-समर्थित मीडिया द्वारा दी गई है।


रिपोर्ट के अनुसार, इन सभी पर इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद से जुड़े होने, गुप्त जानकारियां साझा करने, और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने में मदद करने के आरोप हैं। ईरान का कहना है कि इनमें से कई आरोपियों से पूछताछ चल रही है और कुछ को जल्द ही सजा सुनाई जा सकती है।


फांसी का स्थान

उरमिया, जो ईरान का एक उत्तर-पश्चिमी शहर है और तुर्की की सीमा के निकट स्थित है, में फांसी दी गई। ईरानी मीडिया ने तीनों आरोपियों की जेल की नीली वर्दी में तस्वीरें भी जारी की हैं। यह पहली बार नहीं है जब ईरान ने इस तरह के कदम उठाए हैं। ईरान अक्सर इजरायल और अन्य विदेशी खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी के संदेह में लोगों की गिरफ्तारी और सजा-ए-मौत की घोषणा करता है।