ईरान-इजरायल संघर्ष का भारतीय बाजार पर प्रभाव: ड्राई फ्रूट्स और मिठाई की कीमतें बढ़ने की संभावना

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध का असर भारतीय बाजार पर पड़ने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस संघर्ष के कारण ड्राई फ्रूट्स और मिठाई की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अगले कुछ हफ्तों में ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में 15-20% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। व्यापारियों ने सरकार से वैकल्पिक आपूर्ति स्रोतों पर विचार करने का अनुरोध किया है। जानें इस मुद्दे के बारे में और क्या प्रभाव पड़ सकता है।
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ईरान-इजरायल संघर्ष का भारतीय बाजार पर प्रभाव: ड्राई फ्रूट्स और मिठाई की कीमतें बढ़ने की संभावना

ईरान-इजरायल युद्ध का असर

ईरान-इजरायल संघर्ष का भारतीय बाजार पर प्रभाव: ड्राई फ्रूट्स और मिठाई की कीमतें बढ़ने की संभावना


वर्तमान में, ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष का प्रभाव वैश्विक स्तर पर महसूस किया जा रहा है, और भारत भी इससे अछूता नहीं है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस युद्ध का असर भारतीय बाजार पर पड़ेगा, जिससे मिठाई और मेवे की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। विशेष रूप से, ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है।


ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में वृद्धि

भारत में बादाम, पिस्ता, काजू और अन्य ड्राई फ्रूट्स का आयात ईरान, तुर्की, अफगानिस्तान और अमेरिका जैसे देशों से होता है। ईरान से पिस्ता और किशमिश जैसे उत्पादों का बड़ा हिस्सा भारत में आता है। यदि ईरान में युद्ध की स्थिति बिगड़ती है, तो इससे आयात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। शिपिंग मार्गों में बाधा या समुद्री मालवाहन की लागत में वृद्धि होने पर, आयातित मेवों की कीमतों में भारी वृद्धि हो सकती है।


मिठाई की कीमतों में भी बढ़ोतरी

विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान-इजरायल संघर्ष के कारण आयातित वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी, जिसमें सूखे मेवे सबसे अधिक प्रभावित होंगे। अगले कुछ हफ्तों में ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में 15-20% तक की वृद्धि की संभावना है। मिठाई उद्योग पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि कई प्रीमियम मिठाइयों में ड्राई फ्रूट्स का उपयोग होता है। व्यापारियों और आयातकों ने सरकार से अनुरोध किया है कि वैकल्पिक आपूर्ति स्रोतों पर विचार किया जाए और आवश्यक वस्तुओं के निर्यात-आयात के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए।