ईरान-इजराइल संघर्ष में अजरबैजान की भूमिका पर उठे सवाल

ईरान को पड़ोसियों से नहीं मिली मदद
ईरान के खिलाफ चल रहे युद्ध में उसे अपने पड़ोसी देशों से कोई सहायता नहीं मिली है। हाल ही में यह जानकारी सामने आई है कि अजरबैजान ने ईरान के साथ गद्दारी की है। कैस्पियन सागर के किनारे स्थित गिलान और माज़ंदरान प्रांतों के निवासियों ने बताया कि इजराइली हमलों के दौरान उन्हें ड्रोन और लड़ाकू विमानों की आवाजें सुनाई दीं। पूर्वी गिलान के एक निवासी ने बताया कि इन आवाजों के बाद रश्त शहर में एक स्थान पर हमला हुआ।
अजरबैजान की सीमा के निकट घटनाएं
ये दोनों प्रांत अजरबैजान के निकट हैं, जिसकी सीमा कैस्पियन सागर से भी लगती है। अर्दबील प्रांत के निवासियों ने भी पहाड़ों के पीछे से ड्रोन उड़ते हुए देखने की सूचना दी है।
ईरान की प्रतिक्रिया
इन सभी आरोपों की आधिकारिक पुष्टि ईरान की सशस्त्र सेनाओं और राजनीतिक नेताओं ने नहीं की है। जब ईरान के विदेश मंत्री से अजरबैजान की संलिप्तता के बारे में पूछा गया, तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बाकेई ने कहा कि सभी पड़ोसी देशों ने ईरान को आश्वासन दिया है कि वे इजराइल को अपने क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति नहीं देंगे।
जांच की प्रक्रिया
उन्होंने कहा, "इन देशों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ऐसी घटनाएं नहीं हुई हैं और भविष्य में भी नहीं होंगी।" बाकेई ने यह भी बताया कि ईरान की सेना और खुफिया बल स्वतंत्र रूप से मामले की जांच कर रहे हैं।
अजरबैजान और इजराइल के संबंध
अजरबैजान और इजराइल के बीच घनिष्ठ संबंध हैं, जिसमें ऊर्जा और सैन्य सहयोग शामिल है। बाकू इजराइल का एक प्रमुख तेल आपूर्तिकर्ता है, जो इसके कच्चे तेल के आयात का लगभग 40 प्रतिशत करता है। इजराइल अजरबैजान को ड्रोन, मिसाइल सिस्टम और खुफिया तकनीक प्रदान करता है। हालांकि, इन रिपोर्टों पर अजरबैजान के मीडिया में ज्यादा चर्चा नहीं हुई है।