ईरान-इजराइल संघर्ष: नेतन्याहू के सलाहकार का बड़ा खुलासा

ईरान और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष में हालिया घटनाक्रम ने एक नई दिशा ले ली है। इजराइली प्रधानमंत्री के सलाहकार ने खुलासा किया है कि ईरान के पास हजारों बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जो पहले के अनुमानों से कहीं अधिक हैं। ईरान ने इजराइल पर मिसाइल हमले किए हैं और ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने अपने ऑपरेशन को जारी रखने की बात कही है। इस बीच, ईरान के सुप्रीम लीडर ने इजराइल को चेतावनी दी है कि वे किसी भी हमले का जवाब देंगे। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और अधिक।
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ईरान-इजराइल संघर्ष: नेतन्याहू के सलाहकार का बड़ा खुलासा

ईरान के पास बैलिस्टिक मिसाइलों की बड़ी संख्या

ईरान और इजराइल के बीच चल रहा संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालिया मिसाइल हमलों के बीच, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तजाची हनेगबी ने एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि ईरान के पास हजारों बैलिस्टिक मिसाइलें मौजूद हैं।


इजराइली आर्मी रेडियो पर बातचीत करते हुए, हनेगबी ने कहा कि पहले यह माना जाता था कि ईरान के पास लगभग 1500 से 2000 मिसाइलें हैं, लेकिन असली संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि केवल सैन्य कार्रवाई से ईरानी खतरे को पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सकता।


तेल अवीव पर ईरानी मिसाइलों का हमला

सोमवार की सुबह, ईरान ने सेंट्रल इजराइल पर चार बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड (IRGC) ने घोषणा की कि जब तक इजराइल का अस्तित्व है, ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस जारी रहेगा। यह बयान उस समय आया जब ईरानी मिसाइलें तेल अवीव और अन्य इजरायली क्षेत्रों में गिरीं।


ईरान की सैन्य क्षमता

IDF (इज़राइली डिफेंस फोर्स) के अनुसार, संघर्ष की शुरुआत में ईरान के पास लगभग 2000 मिसाइलें थीं, जिनमें विभिन्न रेंज और वॉरहेड्स शामिल थे। इजराइल के हमलों में कुछ मिसाइल सिस्टम नष्ट हुए हैं, लेकिन ईरान की सैन्य क्षमता अभी भी बरकरार है।


खामेनेई की चेतावनी

यह दावा किया जा रहा है कि ईरान के पास 10,000 बैलिस्टिक मिसाइलों का भंडार है, साथ ही शाहेद ड्रोन की भी बड़ी संख्या मौजूद है। ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने कहा है कि यदि इजराइल एक हमला करेगा, तो ईरान सौ हमले करेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, इजराइल का डिमोना न्यूक्लियर सेंटर ईरान के लक्ष्यों में शामिल है, जिसे बनाने के लिए 1950 में फ्रांस के साथ समझौता किया गया था।