ईडी ने अनिल अंबानी समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापे मारे

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस अनिल अंबानी समूह की कंपनियों पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में छापे मारे हैं। इस कार्रवाई में 35 स्थानों और 50 कंपनियों की जांच की गई है। ईडी की जांच सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के बाद शुरू हुई। रिलायंस समूह ने कहा है कि इस जांच का उनके व्यापार संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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ईडी ने अनिल अंबानी समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापे मारे

अनिल अंबानी समूह पर कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को रिलायंस अनिल अंबानी समूह (RAAGA) की कई कंपनियों के ठिकानों पर छापे मारे हैं, जो एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले से संबंधित हैं।


इस जांच एजेंसी ने 35 स्थानों, 50 कंपनियों और 25 से अधिक व्यक्तियों पर व्यापक खोज अभियान चलाया, जो इस मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े बताए जा रहे हैं।


यह कार्रवाई ईडी द्वारा उस समय शुरू की गई जब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक प्राथमिकी (FIR) दर्ज की थी।


अधिकारियों के अनुसार, अन्य एजेंसियों और संस्थानों ने भी ईडी के साथ जानकारी साझा की है, जैसे कि राष्ट्रीय आवास बैंक, सेबी, राष्ट्रीय वित्तीय लेखा परीक्षा प्राधिकरण (NFRA) और बैंक ऑफ बड़ौदा।


अनिल अंबानी के स्वामित्व वाले समूह की कंपनियों ने दो अलग-अलग बयान में कहा कि ईडी की जांच का रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के व्यापार संचालन, वित्तीय प्रदर्शन, शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य हितधारक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।


रिलायंस पावर ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि 'रिलायंस पावर, इसके व्यापार संचालन, वित्तीय प्रदर्शन, शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य हितधारक पर कोई प्रभाव नहीं है।'


बयान में यह भी कहा गया कि मीडिया रिपोर्टें रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCOM) या रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) के लेनदेन से संबंधित हैं, जो 10 साल से अधिक पुरानी हैं।