ईडी ने 650 करोड़ रुपये के फर्जी जीएसटी मामले में छापेमारी की

प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 650 करोड़ रुपये के कथित फर्जी जीएसटी 'इनपुट टैक्स क्रेडिट' से जुड़े धन शोधन मामले में बृहस्पतिवार को विभिन्न राज्यों में छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी के गुवाहाटी कार्यालय ने अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, तमिलनाडु और तेलंगाना में कई स्थानों पर छापे मारे।
इस मामले में कंपनियों और व्यक्तियों पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी चालान बनाकर करोड़ों रुपये के आईटीसी का धोखाधड़ी से दावा किया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। हालांकि, जब्ती का विवरण अभी तक आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया है। ईडी के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि जांच के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज़ों, डिजिटल रिकॉर्ड और वित्तीय लेनदेन के आंकड़ों की जांच की जा रही है।
जांच की प्रगति
जांच आगे बढ़ रही है और एजेंसी द्वारा इस रैकेट से जुड़े व्यक्तियों को पूछताछ के लिए बुलाए जाने की संभावना है। इससे पहले, सीजीएसटी पालघर आयुक्तालय ने मेसर्स फ्लूट्रॉन बिल्ड एंड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़े नेटवर्क के माध्यम से 11.72 करोड़ रुपये का फर्जी आईटीसी प्राप्त करने के आरोप में भयंदर के चार्टर्ड अकाउंटेंट रितेश पदमचंद बुराड़ (51) को गिरफ्तार किया था।
अधिकारियों ने बताया कि 3 सितंबर को फ्लूट्रॉन के पंजीकृत मुख्य व्यवसाय स्थल और बुराड़ से जुड़े परिसरों में तलाशी ली गई। विभाग ने कहा कि धारा 70 के तहत दर्ज बयान और जब्त किए गए दस्तावेजों से यह स्पष्ट होता है कि बिना वस्तुओं या सेवाओं की वास्तविक आपूर्ति के फर्जी चालान के आधार पर आईटीसी का दावा किया गया। जांचकर्ताओं का कहना है कि बुराड़, जो 2004 से सीए के रूप में प्रैक्टिस कर रहे हैं, चालान और संबंधित बैंक गतिविधियों को नियंत्रित करते थे और कंपनी के निदेशकों के साथ समन्वय करते थे।