इसरो ने भारतीय नौसेना के लिए लॉन्च किया सबसे भारी संचार उपग्रह CMS-03

इसरो ने भारतीय नौसेना के लिए CMS-03 उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है, जो संचार में सुधार लाएगा। यह उपग्रह भारत का सबसे भारी संचार उपग्रह है और इसे 'बाहुबली' रॉकेट से प्रक्षिप्त किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया। CMS-03 की उच्च क्षमता बैंडविथ इसे विशेष बनाती है, जिससे यह तेजी से डेटा ट्रांसफर कर सकेगा। जानें इस उपग्रह की विशेषताएँ और इसके महत्व के बारे में।
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इसरो ने भारतीय नौसेना के लिए लॉन्च किया सबसे भारी संचार उपग्रह CMS-03

इसरो का नया कीर्तिमान

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बार फिर से इतिहास रचते हुए भारतीय नौसेना के लिए CMS-03 उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। इस उपग्रह के माध्यम से नौसेना को बेहतर संचार की सुविधा मिलेगी, जिससे वह दुश्मन के क्षेत्रों पर नजर रख सकेगी। यह उपग्रह भारत का सबसे भारी संचार उपग्रह है, जिसे इसरो ने अपने शक्तिशाली रॉकेट 'बाहुबली' एलवीएम35 से प्रक्षिप्त किया।


CMS-03, जिसे GS87R के नाम से भी जाना जाता है, एक अत्याधुनिक संचार उपग्रह है। यह नौसेना के जहाजों, विमानों और पनडुब्बियों को बेहतर तरीके से जोड़ने का कार्य करेगा।


इस उपग्रह को स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है और इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। इसरो के अनुसार, CMS-03 एक बहु-बैंड संचार उपग्रह है, जो भारतीय भूभाग और समुद्री क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करेगा।


रक्षा मंत्री का बयान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस लॉन्च को आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर इसरो को बधाई देते हुए कहा कि यह उपग्रह भारत की तकनीकी उत्कृष्टता और नवाचार की भावना का प्रतीक है।


नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि यह उपग्रह हिंद महासागर क्षेत्र में मजबूत दूरसंचार कवरेज प्रदान करेगा। इसके पेलोड में ऐसे ट्रांसपोंडर शामिल हैं, जो विभिन्न संचार बैंड पर आवाज, डेटा और वीडियो लिंक का समर्थन कर सकते हैं।


CMS-03 की उच्च क्षमता बैंडविथ इसे विशेष बनाती है, जिससे यह तेजी से डेटा ट्रांसफर कर सकेगा। यह जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों और कमांड सेंटर्स के बीच एक सुरक्षित और तेज नेटवर्क स्थापित करेगा।