इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 5000 स्कूलों के मर्जर के खिलाफ याचिका खारिज की

हाईकोर्ट का निर्णय
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 5000 स्कूलों के मर्जर के खिलाफ दायर याचिका को अस्वीकार कर दिया है। कोर्ट ने योगी सरकार के निर्णय को सही ठहराया है। इस पर आप सांसद संजय सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
सुप्रीम कोर्ट में जाने की योजना
हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
सांसद संजय सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्णय से वह चकित हैं। बच्चों ने अपनी पढ़ाई को बचाने की अपील की थी, लेकिन सरकार ने स्कूलों को छीन लिया। अब कोर्ट ने उनकी उम्मीदों को भी तोड़ दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यही 'शिक्षा का अधिकार' है? इस मुद्दे को अब सुप्रीम कोर्ट में ले जाने का इरादा है।
मामले का विवरण
जानें क्या है पूरा मामला
16 जून 2025 को बेसिक शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें प्रदेश के हजारों स्कूलों को बच्चों की संख्या के आधार पर नजदीकी उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मर्ज करने का निर्देश दिया गया था। सरकार का तर्क था कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव होगा।
योगी सरकार के इस आदेश के खिलाफ 1 जुलाई को सीतापुर जिले की छात्रा कृष्णा कुमारी सहित 51 बच्चों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा कानून (RTE Act) का उल्लंघन करता है, जिससे छोटे बच्चों के लिए स्कूल तक पहुंचना मुश्किल होगा। अब कोर्ट ने सरकार के निर्णय को सही ठहराया है।