इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन का महाभियोग का समर्थन

इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया का स्वागत किया है। अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि यह कदम न्यायपालिका में जनता के विश्वास को बढ़ाएगा। उन्होंने विपक्षी दलों से अपील की कि वे इस मामले में राजनीति न करें। न्यायमूर्ति वर्मा के आवास में आग लगने के बाद भारी मात्रा में नकदी मिलने से यह मामला चर्चा में आया। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है।
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन का महाभियोग का समर्थन

महाभियोग का स्वागत

इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने के केंद्र के निर्णय का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह कदम न्यायपालिका में जनता के विश्वास को मजबूत करेगा।


जनता का विश्वास

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा, "महाभियोग का यह कदम न्यायपालिका में लोगों का विश्वास बढ़ाएगा। यदि न्यायाधीश भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते हैं, तो जनता का न्यायालय पर से भरोसा उठ जाएगा।"


न्यायपालिका का अस्तित्व

तिवारी ने आगे कहा, "यह आवश्यक है कि भ्रष्ट व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। यह केवल न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का मामला नहीं है, बल्कि यह न्यायालय के अस्तित्व, जनता के विश्वास और लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। यदि न्यायपालिका पर विश्वास समाप्त हो जाता है, तो लोकतंत्र भी समाप्त हो जाएगा।"


राजनीति से दूर रहने की अपील

उन्होंने विपक्षी दलों से अपील की कि वे इस महाभियोग मामले में राजनीति न करें और इसके पक्ष में मतदान करें। उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास में आग लगने के बाद, वहां भारी मात्रा में नकदी मिलने से वे विवादों में आ गए थे।


जांच समिति का गठन

पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने 22 मार्च को इस मामले की जांच के लिए तीन न्यायाधीशों की एक समिति का गठन किया था। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर, 24 मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति वर्मा से न्यायिक कार्य वापस ले लिया था। बाद में, उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया।