इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया दुरुपयोग पर लगाई रोक

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने के आरोप में एक व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार निरपेक्ष नहीं है और इसका दुरुपयोग नहीं किया जा सकता। अदालत ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर गंभीर चिंता व्यक्त की है, जिसमें राष्ट्रीय नेताओं के खिलाफ निराधार आरोप लगाना शामिल है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के निर्णय के पीछे की वजह।
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया दुरुपयोग पर लगाई रोक

सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री का मामला

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। अदालत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने के आरोप में एक व्यक्ति की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल ने अशरफ खान उर्फ निसरत द्वारा दायर याचिका को अस्वीकार करते हुए कहा कि संविधान में प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार निरपेक्ष नहीं है। इसका उपयोग उच्च संवैधानिक पदाधिकारियों का अपमान करने या नफरत फैलाने के लिए नहीं किया जा सकता।


अदालत ने यह भी कहा कि कुछ समूहों के बीच अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर राष्ट्रीय नेताओं पर निराधार आरोप लगाना और नफरत फैलाने वाली सामग्री का प्रसार करना एक आम बात बन गई है। आरोपी के खिलाफ हाथरस जिले के सासनी थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 और 197 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय एकता को खतरे में डालने वाले कृत्यों से संबंधित है।


अभियोजन पक्ष के अनुसार, खान ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान सैन्य गतिरोध के दौरान अपने फेसबुक अकाउंट पर संपादित वीडियो साझा किए थे। इनमें एक वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी को एक गधे के साथ चलते हुए दिखाया गया था, जो एक विमान जैसी गाड़ी खींच रहा था, और इसके बाद प्रधानमंत्री द्वारा पाकिस्तान से माफी मांगने का दृश्य दिखाया गया था। एक अन्य पोस्ट में भारतीय वायु सेना की अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह को पाकिस्तान के सेना प्रमुख के बगल में बैठे हुए दिखाया गया था, जिसमें भारत की रक्षा तैयारियों का मजाक उड़ाया गया था।