इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पीलीभीत नगर निगम के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी की याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें पीलीभीत नगर निगम के आदेश को चुनौती दी गई थी। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता पहले ही दीवानी अदालत का सहारा ले चुका है, इसलिए वह दो बार राहत की मांग नहीं कर सकता। उच्चतम न्यायालय ने भी नगर निकाय के फैसले को पहले ही खारिज कर दिया था। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के निर्णय के पीछे के कारण।
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पीलीभीत नगर निगम के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

याचिका पर अदालत का निर्णय

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी द्वारा पीलीभीत नगर निगम के स्थानीय कार्यालय को खाली करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से मना कर दिया है।


न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने रिट याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता पहले ही इस मामले में दीवानी अदालत का सहारा ले चुका है, इसलिए वह एक ही मामले में दो बार राहत की मांग नहीं कर सकता।


इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने 16 जून को नगर निकाय के निर्णय के खिलाफ पार्टी की याचिका को खारिज कर दिया था और पीलीभीत जिला अध्यक्ष को इस मामले में नई याचिका दायर करने से रोक दिया था।


समाजवादी पार्टी का आरोप है कि नगर निगम ने बिना सुनवाई का अवसर दिए 12 नवंबर 2020 को परिसर को खाली करने का आदेश जारी किया।