इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट मामले में प्राथमिकी रद्द करने की याचिका खारिज की

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट करने के मामले में अजीत यादव की याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि भावनाओं में बहकर संवैधानिक अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का उपयोग नहीं किया जा सकता। इस मामले में अजीत यादव ने फेसबुक पर कई अपमानजनक पोस्ट किए थे, जिसके चलते उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जानें इस महत्वपूर्ण निर्णय के बारे में और क्या कहा अदालत ने।
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट मामले में प्राथमिकी रद्द करने की याचिका खारिज की

अजीत यादव के खिलाफ मामला

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने के आरोप में अजीत यादव द्वारा दायर की गई प्राथमिकी को रद्द करने की याचिका को अस्वीकार कर दिया है।


सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि यह पोस्ट भावनाओं में बहकर किया गया था। इस पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर और न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने कहा, “याचिकाकर्ता द्वारा प्रधानमंत्री के खिलाफ किए गए पोस्ट में सरकार के मुखिया के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है।”


अदालत ने तीन जून को दिए गए निर्णय में कहा, “भावनाओं को इस हद तक नहीं बहने दिया जा सकता कि संवैधानिक अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का उपयोग किया जाए। यह संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अधिकार का प्रयोग कर प्राथमिकी में हस्तक्षेप करने का उचित मामला नहीं है, इसलिए इस याचिका को खारिज किया जाता है।”


अजीत यादव ने फेसबुक पर कथित रूप से तीन अपमानजनक पोस्ट किए थे, जिसके चलते उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। इन पोस्ट में प्रधानमंत्री के लिए कई अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है।