इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कृष्ण जन्मभूमि मामले में शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित संरचना मानने की याचिका खारिज की

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कृष्ण जन्मभूमि मामले में शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित संरचना मानने की याचिका को खारिज कर दिया है। यह निर्णय हिंदू पक्ष द्वारा दायर आवेदन ए-44 पर आधारित है, जिसमें मस्जिद को विवादित संरचना के रूप में मान्यता देने की मांग की गई थी। मुस्लिम पक्ष की आपत्ति के बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया, जो उनके लिए एक राहत के रूप में आया है। मामले की सुनवाई अभी भी जारी है, जिसमें 18 अन्य याचिकाएं भी शामिल हैं।
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कृष्ण जन्मभूमि मामले में शाही ईदगाह मस्जिद को विवादित संरचना मानने की याचिका खारिज की

इलाहाबाद उच्च न्यायालय का निर्णय

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित मामले में शाही ईदगाह मस्जिद को "विवादित संरचना" के रूप में मान्यता देने की हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने इस संदर्भ में अपना निर्णय सुनाया, जिसमें हिंदू पक्ष द्वारा प्रस्तुत आवेदन ए-44 को अस्वीकार कर दिया गया। न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि इस स्तर पर आवेदन को खारिज किया जा रहा है।


याचिकाकर्ता, एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने शाही मस्जिद को विवादित संरचना के रूप में घोषित करने के लिए प्रार्थना की थी। आवेदन ए-44 के माध्यम से, याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया कि वह भविष्य की सभी कार्यवाहियों में "शाही ईदगाह मस्जिद" के बजाय "विवादित संरचना" शब्द का उपयोग करने का निर्देश दे। हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने इस आवेदन पर लिखित आपत्ति दर्ज की। अदालत द्वारा आवेदन को खारिज करना मुस्लिम पक्ष के लिए एक महत्वपूर्ण राहत के रूप में देखा गया है।


इस बीच, हिंदू पक्ष द्वारा दायर 18 याचिकाओं पर सुनवाई अभी भी जारी है। इस मामले की सुनवाई वर्तमान में न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की अगुवाई वाली एकल न्यायाधीश बेंच कर रही है। यह विवाद मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद से संबंधित है, जिसे मुगल सम्राट औरंगजेब के समय में बनाया गया था। आरोप है कि मस्जिद का निर्माण भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर स्थित मंदिर को तोड़कर किया गया था।