इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आजम खान को डूंगरपुर मामले में दी जमानत

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को डूंगरपुर मामले में जमानत दी है। इस मामले में एक आवासीय कॉलोनी को बलात्कारी तरीके से खाली कराने का आरोप है। रामपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने आजम खान को 10 साल की सजा सुनाई थी। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत के निर्णय के बारे में।
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आजम खान को डूंगरपुर मामले में दी जमानत

जमानत का आदेश

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को बुधवार को डूंगरपुर मामले में जमानत प्रदान की है। इस मामले में एक आवासीय कॉलोनी को कथित रूप से बलात्कारी तरीके से खाली कराया गया था।


सजा का विवरण

रामपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने आजम खान को दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी। न्यायमूर्ति समीर जैन ने आजम खान की ओर से दायर जमानत याचिका पर यह निर्णय लिया। इससे पहले, 12 अगस्त को अदालत ने आजम खान और ठेकेदार बरकत अली की जमानत याचिका पर विचार करने का निर्णय लिया था।


आपराधिक अपील

बरकत अली ने भी उच्च न्यायालय में एक आपराधिक अपील दायर की है। डूंगरपुर मामले में अबरार नामक व्यक्ति ने आजम खान, सेवानिवृत्त क्षेत्राधिकारी आले हसन खान और ठेकेदार बरकत अली के खिलाफ अगस्त 2019 में रामपुर के गंज पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।


शिकायत के आरोप

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आजम खान, आले हसन खान और बरकत अली ने दिसंबर 2016 में उसकी पिटाई की और उसके घर में तोड़फोड़ करते हुए उसे जान से मारने की धमकी दी। इसके अलावा, उन्होंने उसका घर भी ध्वस्त कर दिया था।


विशेष अदालत का निर्णय

इस मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने 30 मई, 2024 को आजम खान को 10 वर्ष और बरकत अली को 7 वर्ष की सजा सुनाई थी। डूंगरपुर बस्ती में निवासियों ने कॉलोनी को खाली कराने के खिलाफ 12 मामले दर्ज कराए थे, जिनमें लूट, चोरी और मारपीट जैसी धाराएं शामिल थीं।