इलाहाबाद उच्च न्यायालय का निर्देश: न्यायिक अधिकारियों को चोटों का उल्लेख करना अनिवार्य
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे अपने निर्णयों में घायल व्यक्तियों की चोटों का उल्लेख करें। न्यायमूर्ति राजीव मिश्र और न्यायमूर्ति अजय कुमार की खंडपीठ ने एक अपील को खारिज करते हुए इस निर्देश की आवश्यकता पर जोर दिया। अदालत ने पहले जारी किए गए सर्कुलरों का भी उल्लेख किया, जिसमें इस विषय पर स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। यह निर्णय न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
| Nov 21, 2025, 07:28 IST
न्यायिक अधिकारियों के लिए नया निर्देश
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश के सभी न्यायिक अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे अपने निर्णयों में घायल व्यक्तियों की चोटों का उल्लेख करना अनिवार्य करें।
न्यायमूर्ति राजीव मिश्र और न्यायमूर्ति अजय कुमार की खंडपीठ ने सुनील कुमार यादव की अपील को खारिज करते हुए कहा, "हमें यह जानकर खेद हुआ कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने मृतक के शव पर लगी चोट का उल्लेख नहीं किया।"
अदालत ने आगे कहा, "उच्च न्यायालय ने 3 मार्च, 2002 और 3 मार्च, 1982 को जारी सर्कुलर में स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि न्यायिक अधिकारियों को निर्णयों में घायल व्यक्तियों की चोटों का उल्लेख करना चाहिए। हमें उम्मीद है कि सभी न्यायिक अधिकारी इस परिपत्र का पालन करेंगे।
