इनकम टैक्स विभाग का बड़ा सर्च ऑपरेशन: 200 स्थानों पर छापे

इनकम टैक्स विभाग ने हाल ही में 200 स्थानों पर एक बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया है, जिसका उद्देश्य राजनीतिक दान, ट्यूशन फीस और चिकित्सा खर्च के नाम पर कर चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना है। इस अभियान में फर्जी टैक्स कटौती में संलिप्त लोगों और संस्थाओं को निशाना बनाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई पुरानी कर व्यवस्था के तहत कटौतियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए की जा रही है। जानें इस सर्च ऑपरेशन के पीछे की पूरी कहानी और इसके प्रभाव।
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इनकम टैक्स विभाग का बड़ा सर्च ऑपरेशन: 200 स्थानों पर छापे

इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई

इनकम टैक्स विभाग की हालिया छापेमारी चर्चा का विषय बनी हुई है, जो अजय देवगन की फिल्म 'रेड-2' से प्रेरित नहीं है, बल्कि वास्तविक जीवन में कर चोरी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। विभाग ने राजनीतिक दान, ट्यूशन फीस और चिकित्सा खर्च के नाम पर कर चोरी करने वालों के खिलाफ एक बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें देशभर के 200 स्थानों पर छापे मारे गए हैं।


सर्च ऑपरेशन का विवरण

सोमवार को शुरू हुए इस अभियान में उन लोगों और संस्थाओं को निशाना बनाया गया है जो फर्जी टैक्स कटौती में संलिप्त हैं। वर्तमान में 200 से अधिक स्थानों पर छापेमारी चल रही है, जहां आरोप है कि ये लोग करदाताओं को राजनीतिक चंदे, ट्यूशन फीस और चिकित्सा खर्च में फर्जी कटौती क्लेम करने में मदद कर रहे थे।


आरोपों की गंभीरता

इस अभियान का मुख्य ध्यान धारा 80GGC के तहत किए गए दावों पर है, जो रजिस्टर्ड राजनीतिक दलों को दिए गए चंदे को कर योग्य आय से घटाने में मदद करता है। जांचकर्ताओं का कहना है कि कई बिचौलिये बिना रजिस्टर्ड या संदिग्ध संस्थाओं के माध्यम से फर्जी दान की व्यवस्था कर रहे हैं, जिससे करदाताओं को अपनी कर देनदारी कम करने में मदद मिलती है।


सख्ती का कारण

यह सर्च ऑपरेशन पुरानी कर व्यवस्था के तहत कटौतियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक राष्ट्रव्यापी प्रयास का हिस्सा है। अधिकारियों ने बताया कि कई करदाता बिना पर्याप्त दस्तावेजों के अपने दावों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं। यह कार्रवाई विभाग के हालिया NUDGE अभियान के बाद की गई है, जिसमें करदाताओं को संदिग्ध कटौतियों के बारे में पहले से सूचित किया गया था।