इटावा में धार्मिक उपदेशक का सिर मुंडवाने की घटना, चार गिरफ्तार

इटावा में जातिगत हिंसा का मामला
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के दंदरपुर गांव में एक धार्मिक उपदेशक और उसके साथी का सिर मुंडवाने की घटना सामने आई है। यह घटना ऊंची जाति के कुछ लोगों द्वारा की गई, जिन्हें पता चला कि पीड़ित यादव जाति से हैं। यह घटना रविवार और सोमवार की रात को हुई, जिसके बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की।
पीड़ित कथा वाचक गांव में 'भगवद कथा' के लिए आए थे।
ब्राह्मण समुदाय द्वारा हमला
दांदरपुर गांव में कथित तौर पर ब्राह्मण समुदाय के सदस्यों ने यादव जाति के एक कथा वाचक और उसके सहयोगी पर हमला किया। पुलिस ने बताया कि घटना का वीडियो सामने आने के बाद मुख्य आरोपी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तीन दिनों के भीतर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे एक बड़े आंदोलन का आह्वान करेंगे।
पुलिस की कार्रवाई
इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर बकेवर थाने में मामला दर्ज किया गया है। मुख्य आरोपी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और घटना की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई है।
पीड़ित की कहानी
पीड़ित कथा वाचक ने बताया कि वह पहले एक निजी स्कूल चलाते थे, लेकिन स्कूल बंद होने के बाद उन्होंने भागवत कथा करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि उन्हें 21 जून को दांदरपुर गांव में कथा के लिए बुलाया गया था, जहां उनकी जाति पूछी गई और फिर उन्हें प्रताड़ित किया गया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
ये इटावा के कथावाचक हैं मुकुट मणि यादव
— Rajneesh kumar (@JanAdarshBhara1) June 23, 2025
ब्राह्मणों को जैसे पता चला ये यादव शूद्र हैं तो पहले इनकी चुन्नी काटी फिर सिर मुड़ा कर इन्हें अपमानित किया
उस उदाहरण को भूल जाइए कि ब्राह्मण का मतलब विद्वान होता है या विद्वान बन गए तो ब्राह्मण हो गए
शूद्र, शूद्र ही रहेगा चाहे जितना भी… pic.twitter.com/nqgCRCHrkD
क़ानून नहीं, मनुस्मृति का शासन…
— Dayashankar Mishra (@DayashankarMi) June 23, 2025
• BJP के ‘मॉडल’ स्टेट उत्तर प्रदेश के इटावा में कथित धर्म रक्षकों ने कथा वाचक मुकुट मणि यादव को कथा कहने की सजा दी है।
यह क़ानून नहीं, मनुस्मृति का शासन है! मुकुट मणि यादव के बाल और चोटी काटने तथा हारमोनियम और वाद्ययंत्र को तोड़े जाने की घटना… pic.twitter.com/YPkp9KvZTn