इटावा में गे डेटिंग एप से ठगी का मामला: युवक से 45 हजार रुपये लूटे गए

इटावा में एक युवक को गे डेटिंग एप के माध्यम से ठगों ने 45 हजार रुपये की ठगी का शिकार बना दिया। ठगों ने युवक को नकली पिस्तौल दिखाकर डराया और उसके खाते से पैसे ट्रांसफर करवा लिए। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक आरोपी फरार है। एसपी सिटी ने बताया कि यह गिरोह पहले भी कई लोगों को ठग चुका है और यह मामला डिजिटल मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है। जानें इस घटना की पूरी जानकारी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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इटावा में गे डेटिंग एप से ठगी का मामला: युवक से 45 हजार रुपये लूटे गए

इटावा में साइबर ठगी का मामला

इटावा: एक युवक को गे डेटिंग एप के माध्यम से ठगों ने जाल में फंसाकर 45 हजार रुपये की ठगी कर ली। यह घटना 9 नवंबर को औरैया के एक युवक के साथ हुई। ठगों ने उसे नकली पिस्तौल दिखाकर डराया, उसका मोबाइल छीन लिया और उसके खाते से पैसे ट्रांसफर करवा लिए। इसके बाद उसे जसवंतनगर के नेशनल हाईवे की सर्विस रोड पर फेंक दिया और फरार हो गए। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक आरोपी अभी भी फरार है। उसकी तलाश में पुलिस की टीमें सक्रिय हैं.


युवक कैसे ठगों के जाल में फंसा?

एसपी सिटी अभयनाथ त्रिपाठी ने बताया कि 9 नवंबर को औरैया के युवक ने पुलिस को अपनी शिकायत दी। युवक ने बताया कि वह कुछ दिन पहले एक गे डेटिंग एप से जुड़ा था, जहां उसकी कुछ लोगों से बातचीत हुई। 9 नवंबर को एक व्यक्ति ने उसे भरथना चौराहे पर चाय पीने के लिए बुलाया। जैसे ही वह वहां पहुंचा, चार युवकों ने उसे अपनी कार में खींच लिया। कार में बैठते ही ठगों ने नकली पिस्तौल दिखाकर उसे धमकाना शुरू कर दिया। उन्होंने उसका मोबाइल छीन लिया, पासवर्ड पूछकर खाते से दो बार में 25 हजार और 20 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए। इसके बाद ठग उसे नगला कन्हई के पास सर्विस रोड पर छोड़कर भाग गए.


पुलिस ने ठगों को कैसे पकड़ा?

पुलिस लाइन सभागार में मामले का खुलासा करते हुए एसपी सिटी ने बताया कि बुधवार रात जसवंतनगर पुलिस ने केवला रोड तिराहे पर चेकिंग के दौरान तीन संदिग्ध युवकों को पकड़ा। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम आलोक परिहार उर्फ राहुल, विपुल द्विवेदी और कृष्णेश मिश्रा बताए। चौथा आरोपी बूटे उर्फ प्रदीप मौके से भाग निकला। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खाते में जमा 45 हजार रुपये को फ्रीज कर दिया गया है.


ऑनलाइन गेमिंग एप से मनी लॉन्ड्रिंग का मामला

एसपी सिटी ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल की जांच में कई चैट रिकॉर्ड और आपत्तिजनक वीडियो मिले हैं, जिससे यह संदेह है कि यह गिरोह पहले भी कई लोगों को ठग चुका है। ठग पैसे सीधे अपने खातों में नहीं लेते थे, बल्कि पहले पीड़ित से ऑनलाइन गेमिंग एप अल्ट्राविन में रुपये डलवाते थे और फिर पैसे को विभिन्न फर्जी खातों में ट्रांसफर कर देते थे। एसपी सिटी ने इसे डिजिटल मनी लॉन्ड्रिंग का गंभीर मामला बताया.


मुख्य आरोपी का आपराधिक इतिहास

पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी आलोक परिहार के खिलाफ लूट, धोखाधड़ी और मारपीट के चार मामले दर्ज हैं। उसके साथी विपुल द्विवेदी के खिलाफ भी लूट का मामला दर्ज है। यह गिरोह सुनियोजित तरीके से ठगी करता था। हैरानी की बात यह है कि मुख्य आरोपी आलोक केवल 12वीं कक्षा तक पढ़ा है, फिर भी उसने इतना शातिर तरीका अपनाया.