इजरायल पर ग्रेटा थनबर्ग के साथ दुर्व्यवहार के आरोप

इजरायल ने गाजा के लिए राहत सामग्री ले जा रहे एक जहाजी काफिले में शामिल 137 लोगों को हिरासत में लिया, जिसमें स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी थीं। तुर्की एयरपोर्ट पर पहुंचे एक्टिविस्ट्स ने थनबर्ग के साथ दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं। इजरायल ने इन आरोपों को खारिज किया है, जबकि कई देशों के नागरिक भी इस काफिले में शामिल थे। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है।
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इजरायल पर ग्रेटा थनबर्ग के साथ दुर्व्यवहार के आरोप

इजरायल ने गाजा के लिए राहत सामग्री ले जा रहे काफिले को रोका

इजरायल ने गाजा के लिए राहत सामग्री लेकर जा रहे एक जहाजी काफिले में शामिल 137 लोगों को हिरासत में लिया, जिसमें स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी शामिल थीं। यह घटना तुर्की एयरपोर्ट पर हुई, जहां एक्टिविस्ट्स ने दुर्व्यवहार के आरोप लगाए।


इन कार्यकर्ताओं को शनिवार को तुर्की भेज दिया गया। हिरासत में लिए गए दो एक्टिविस्ट ने दावा किया कि थनबर्ग के साथ दुर्व्यवहार किया गया।


एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ने इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन पहले उसके विदेश मंत्रालय ने हिरासत में लिए गए लोगों के साथ दुर्व्यवहार की खबरों को 'पूर्णतः गलत' बताया था.


कई देशों के नागरिक शामिल

तुर्की के विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस्तांबुल एयरपोर्ट पर पहुंचे इन कार्यकर्ताओं में 36 तुर्की नागरिक शामिल थे, साथ ही अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, अल्जीरिया, मोरक्को, इटली, कुवैत, लीबिया, मलेशिया, मॉरिटानिया, स्विट्जरलैंड, ट्यूनिशिया और जॉर्डन के नागरिक भी थे.


थनबर्ग के साथ दुर्व्यवहार का आरोप

मलेशिया की नागरिक हजवानी हेल्मी और अमेरिकी नागरिक विनफील्ड बीवर ने इस्तांबुल एयरपोर्ट पर बताया कि उन्होंने थनबर्ग के साथ दुर्व्यवहार होते देखा। हेल्मी ने कहा, 'हमें जानवरों की तरह ट्रीट किया गया। हमें साफ पानी या खाना नहीं दिया गया, दवाइयां और हमारा सामान भी जब्त कर लिया गया।'


बीवर ने कहा कि थनबर्ग के साथ 'बहुत बुरा बर्ताव किया गया' और 'उसे प्रोपेगेंडा के लिए इस्तेमाल किया गया।' उन्होंने बताया कि जब इजरायल के सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गवीर वहां पहुंचे, तब थनबर्ग को जबरदस्ती एक कमरे में धकेल दिया गया।


इटली के विदेश मंत्री का बयान

इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी ने कहा कि इटली के 26 नागरिक टर्किश एयरलाइंस की उड़ान से तुर्की पहुंचे हैं, जबकि 15 अन्य अभी भी इजरायल में हैं। ताजानी ने एक्स पर लिखा, 'मैंने तेल अवीव स्थित इटली दूतावास को निर्देश दिया है कि हमारे शेष नागरिकों के साथ उनके अधिकारों का सम्मान करते हुए व्यवहार किया जाए।'


जबरन 'फ्री फिलिस्तीन' के नारे लगवाने का आरोप

इससे पहले शुक्रवार को इटली के चार सांसदों समेत पहली खेप के लोग रोम लौटे। एक सांसद आर्तुरो स्कोट्टो ने कहा, 'हम कानूनी तरीके से काम कर रहे थे, और हमें GAJA पहुंचने से रोकने वाले गैरकानूनी काम कर रहे थे।' एक अन्य सांसद बेनेडेटा स्कुदेरी ने कहा, 'हमें बेरहमी से रोका गया... हमें बंधक बना लिया गया।'


इजरायल की संस्था Adalah, जो इन एक्टिविस्ट को कानूनी मदद दे रही है, ने कहा कि कुछ हिरासत में लिए गए लोगों को वकीलों, पानी, दवाइयों और शौचालय तक पहुंच से वंचित रखा गया। संस्था के अनुसार, कुछ लोगों को 'कम से कम पांच घंटे तक हाथ बांधकर घुटनों के बल बैठाया गया,' जब तक उन्होंने 'फ्री फिलिस्तीन' के नारे लगाए।