इजराइल में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का संकट: ईरान के हमलों का खतरा

ईरान और इजराइल के बीच बढ़ता तनाव
ईरान और इजराइल के बीच चल रहा संघर्ष दिन-ब-दिन गंभीर होता जा रहा है। हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन दोनों देशों के बीच सीजफायर की घोषणा की है। पिछले 12 दिनों से दोनों देशों के बीच मिसाइल और ड्रोन हमलों का सिलसिला जारी था, जिसने न केवल इन देशों बल्कि पूरी दुनिया में चिंता का माहौल बना दिया है। इस युद्ध के बीच एक नई समस्या उभरकर सामने आई है, जो इजराइल के बंदरगाहों पर खड़ी इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EVs) से संबंधित है।
इजराइल के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियां बन गई हैं मुसीबत
पोर्ट्स और लॉजिस्टिक हब्स के लिए विनाशकारी
इजराइली अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान की ओर से कोई मिसाइल हमला होता है और वह इन इलेक्ट्रिक गाड़ियों को निशाना बनाता है, तो इससे भयानक आग लग सकती है, जिसे बुझाना मुश्किल होगा। यह स्थिति देश की महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे जैसे पोर्ट्स और लॉजिस्टिक हब्स के लिए गंभीर खतरा बन सकती है.
हाइफा पोर्ट: इजराइल का सबसे व्यस्त बंदरगाह
एक रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल के Shipping and Ports प्रशासन ने सभी कार आयातक कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को बंदरगाहों से हटा कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं। विशेष रूप से हाइफा और अशदोद बंदरगाह को इस आदेश में प्राथमिकता दी गई है। हाइफा पोर्ट इजराइल का सबसे व्यस्त बंदरगाह है, जहां हर साल लगभग 20 मिलियन टन माल का आयात-निर्यात होता है, और यह ईरान जैसे विरोधी के लिए एक आकर्षक लक्ष्य है.
इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने का खतरा
EV से आग लगने की आशंका क्यों है?
पिछले दशक में इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। हालांकि, पेट्रोल या डीजल वाहनों की तुलना में EV में आग लगने की संभावना कम मानी जाती है, लेकिन जब ऐसा होता है, तो यह गंभीर हो सकता है। EV की बैटरियों में आग लगने पर अत्यधिक गर्मी उत्पन्न होती है, जिससे आग की तीव्रता बेकाबू हो जाती है और उसे बुझाना लगभग असंभव हो जाता है। इसी कारण इजराइल प्रशासन ने EVs को बंदरगाहों से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का निर्णय लिया है.