इकरा हसन ने अपर जिलाधिकारी पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया

इकरा हसन की शिकायत पर कार्रवाई
इकरा चौधरी, जिन्हें इकरा हसन के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राजनीति में एक प्रमुख चेहरा हैं। वह 4 जून 2024 से कैराना लोकसभा क्षेत्र की सांसद हैं और समाजवादी पार्टी की सदस्य हैं। हाल ही में, इकरा हसन सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई हैं। उत्तर प्रदेश के कैराना से सांसद इकरा हसन ने सहारनपुर में अपर जिलाधिकारी पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है, जिसके बाद जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
दुर्व्यवहार का आरोप
इकरा हसन ने आरोप लगाया कि 1 जुलाई को वह शामलपुर नगर पंचायत की अध्यक्ष शमा परवीन के साथ कुछ स्थानीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अपर जिलाधिकारी संतोष बहादुर सिंह से मिलने गई थीं। पहले उन्हें बताया गया कि सिंह दोपहर के भोजन पर गए हैं और यदि सांसद चाहें तो वे अपनी समस्या लिखित में दे सकती हैं.
सांसद का दूसरा प्रयास
इकरा हसन ने उसी दिन लगभग तीन बजे फिर से अपर जिलाधिकारी कार्यालय जाने का निर्णय लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां पहुंचने पर एडीएम सिंह का व्यवहार 'सम्मानजनक नहीं था।' उन्होंने कहा कि एडीएम ने परवीन को फटकारा और जब हसन ने हस्तक्षेप किया, तो उन्होंने कथित तौर पर अशिष्टता दिखाई और दोनों महिलाओं को कार्यालय से बाहर जाने का निर्देश दिया.
औपचारिक शिकायत दर्ज
इस घटना के बाद, इकरा हसन ने प्रमुख सचिव (नियुक्ति) और सहारनपुर के मंडलायुक्त अटल कुमार राय के पास औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। मंडलायुक्त ने जिलाधिकारी मनीष बंसल को मामले की गहन जांच करने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने कहा कि जांच चल रही है और रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.
अपर जिलाधिकारी का खंडन
इस बीच, अपर जिलाधिकारी संतोष बहादुर सिंह ने आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि जब सांसद उनके कार्यालय में आई थीं, तब वह क्षेत्र में थे। उन्होंने कहा कि वह तुरंत कार्यालय पहुंचे और सांसद को बुलाया, साथ ही उनसे लिखित में शिकायत देने को कहा. उनके साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप निराधार हैं.
अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया
इस घटना पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने एक्स पर लिखा कि जो लोग सांसद का सम्मान नहीं करते, वे जनता का क्या करेंगे। सांसद इकरा हसन ने भी अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार महिलाओं के हितैषी होने का दावा करती है, लेकिन अधिकारी अपनी महिला विरोधी मानसिकता के साथ लापरवाही बरत रहे हैं. ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.