इंदौर में महिला ने गंभीर बीमारी के बावजूद जुड़वा बच्चों को दिया जन्म
अनोखा मामला सामने आया

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में एक अद्वितीय चिकित्सा मामला सामने आया है। एक महिला, जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थी, ने न केवल इनका सामना किया, बल्कि जुड़वा बच्चों को भी जन्म दिया। डॉक्टरों का कहना है कि यह मामला अब तक के सबसे असाधारण मामलों में से एक है।
इंदौर की 35 वर्षीय जागृति कुशवाह की शादी को सात साल हो चुके थे, लेकिन लंबे समय तक उन्हें संतान सुख नहीं मिला। अंततः, सात साल बाद वह गर्भवती हुई, जिससे परिवार में खुशी का माहौल बना।
प्रेग्नेंसी में आई मुश्किलें
चार महीने बाद आई मुसीबत
प्रेग्नेंसी के पहले चार महीने सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन 18वें सप्ताह में अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। जांच में पता चला कि गंभीर संक्रमण के कारण उनकी दोनों किडनियां फेल हो गई हैं।
किडनियों के काम बंद होने से उनकी स्थिति गंभीर हो गई। डॉक्टरों ने प्रेग्नेंसी को समाप्त करने की सलाह दी, लेकिन जागृति ने दृढ़ता से कहा कि वह अपने बच्चों को जन्म देगी। इस पर डॉक्टरों ने चुनौतीपूर्ण उपचार शुरू किया।
बायोप्सी और उसके परिणाम
बायोप्सी ने दिया और दुख
22वें सप्ताह में किडनी की बायोप्सी हुई, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि दोनों किडनियां ठीक नहीं हो सकतीं। प्रेग्नेंसी के दौरान किडनी ट्रांसप्लांट संभव नहीं था, इसलिए डायलिसिस ही एकमात्र विकल्प था। फिर भी, जागृति ने प्रेग्नेंसी समाप्त करने से मना कर दिया।
स्थिति में और बिगड़ती गई
24वें सप्ताह में हालत और बिगड़ी
24वें सप्ताह में उनकी स्थिति और गंभीर हो गई। फेफड़ों में पानी भरने से ऑक्सीजन लेवल गिर गया, और उन्हें नॉन-इन्वेसिव वेंटिलेटर पर रखा गया। इसी दौरान डायलिसिस के समय उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया, लेकिन सीपीआर से उनकी जान बच गई।
बच्चों की स्थिति
बच्चों की हालत ने चौंकाया
महिला के संघर्ष के दौरान गर्भ में पल रहे दोनों बच्चे पूरी तरह से सुरक्षित रहे। नियमित सोनोग्राफी में उनकी ग्रोथ सामान्य पाई गई। सातवें महीने में जागृति को पीलिया हो गया, जिससे मां और नवजातों की जान खतरे में आ गई। डॉक्टरों ने तुरंत सिजेरियन डिलीवरी का निर्णय लिया।
महिला ने एक बेटे और एक बेटी को जन्म दिया। दोनों नवजातों को एनआईसीयू में रखा गया, जहां बेटे में हार्ट से जुड़ी समस्या पाई गई, जिसे दवाओं से नियंत्रित किया गया। अब दोनों बच्चे स्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
