इंदौर में अंबिका सॉल्वेक्स और वर्धमान सॉल्वेंट की संपत्तियों पर ईडी की कार्रवाई
ईडी ने कुर्क की संपत्तियाँ

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 29 अक्टूबर को इंदौर में स्थित मेसर्स अंबिका सॉल्वेक्स लिमिटेड और मेसर्स वर्धमान सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन इंडस्ट्रीज लिमिटेड की कुल 1.14 करोड़ रुपए मूल्य की तीन अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर दिया है। यह कार्रवाई PMLA, 2002 के तहत की गई है। इससे पहले, इस समूह से संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं की 26.53 करोड़ रुपए की संपत्तियाँ भी कुर्क की जा चुकी हैं।
जांच का आधार
प्रारंभिक जांच CBI, एसीबी/इकाइयों और अन्य संस्थाओं द्वारा आईपीसी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी। इसके बाद CBI ने मेसर्स नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और अन्य संबंधित संस्थानों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए, जिसके परिणामस्वरूप ईडी ने धन शोधन और वित्तीय लेन-देन की जांच शुरू की।
ऋण धोखाधड़ी का खुलासा
ईडी की जांच में यह सामने आया कि मेसर्स नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जो अंबिका सॉल्वेक्स समूह के अंतर्गत कार्यरत थी, ने यूको बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ से साख पत्र (LC) और निर्यात पैकिंग क्रेडिट (EPC) के माध्यम से लगभग 110.50 करोड़ रुपए का ऋण धोखाधड़ी से प्राप्त किया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि इन राशि का वास्तविक व्यापारिक उपयोग नहीं किया गया।
नकली लेन-देन का खुलासा
जांच में यह भी पाया गया कि वास्तविक खरीद या निर्यात नहीं हुआ। इसके बजाय, ऋण राशि को समूह की विभिन्न संबद्ध संस्थाओं के बीच काल्पनिक लेन-देन दिखाकर घुमाया गया, जिससे व्यवसायिक गतिविधि का आभास बना। बाद में इन फंडों को व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट लाभ के लिए डायवर्ट किया गया, जिसमें अचल संपत्ति में निवेश और समूह के अधीनस्थ कंपनियों के माध्यम से नकदी लेन-देन शामिल थे।
जांच जारी
ईडी द्वारा संपत्तियों की कुर्की के साथ-साथ जांच जारी है। संबंधित बैंकों, संस्थाओं और व्यक्तियों के लेन-देन का ऑडिट और स्रोत-उपयोग की पड़ताल की जा रही है। आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त संपत्तियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
