इंदौर में 13 वर्षीय बच्चे की आत्महत्या: ऑनलाइन गेमिंग की लत का खतरनाक परिणाम

इंदौर में एक 13 वर्षीय बच्चे ने ऑनलाइन गेमिंग की लत के कारण आत्महत्या कर ली, जिससे पूरे शहर में हड़कंप मच गया। अकलंक जैन ने अपनी मां के डेबिट कार्ड से ₹3000 खर्च करने के बाद आत्मघाती कदम उठाया। यह घटना ऑनलाइन गेमिंग के खतरों को उजागर करती है, जो बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रही है। परिवार इस दुखद घटना से गहरे सदमे में है, और यह सवाल उठता है कि इस जानलेवा लत पर कैसे रोक लगाई जाए।
 | 
इंदौर में 13 वर्षीय बच्चे की आत्महत्या: ऑनलाइन गेमिंग की लत का खतरनाक परिणाम

इंदौर में एक दुखद घटना

इंदौर, मध्य प्रदेश: इंदौर से एक बेहद दुखद समाचार सामने आया है, जिसने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। एक 13 वर्षीय बच्चे ने, जो ऑनलाइन गेमिंग की लत में फंसा हुआ था, आत्महत्या कर ली। यह घटना अनुराग नगर में हुई, जहाँ सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले अकलंक जैन ने फांसी लगाकर अपनी जान ले ली। अकलंक 'फ्री फायर' जैसे कई ऑनलाइन खेल खेलता था, और इस घटना ने एक बार फिर ऑनलाइन गेमिंग के खतरों को उजागर किया है। पिछले कुछ महीनों में इंदौर में ऐसे 10 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जहाँ बच्चों ने इस लत के कारण अपनी जान गंवाई है।


₹3000 खर्च करने पर मां की डांट से हुआ आत्मघाती कदम

जानकारी के अनुसार, अकलंक ने अपने ऑनलाइन गेम के एक टास्क को पूरा करने के लिए अपनी मां के डेबिट कार्ड से ₹3000 खर्च कर दिए। जब मां को पैसे कटने का संदेश मिला, तो उन्होंने उसे डांटा और समझाया कि गेम पर पैसे बर्बाद करना गलत है। इस बात से अकलंक इतना नाराज हुआ कि वह अपने कमरे में चला गया।


कुछ समय बाद, जब उसका छोटा भाई अविकल कमरे में गया, तो उसने अकलंक को फांसी के फंदे पर लटका देखा। अविकल की चीख सुनकर परिवार के सदस्य दौड़े और तुरंत अकलंक को अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे कुछ ही घंटों में मृत घोषित कर दिया।


फुटबॉलर बनने का सपना और जन्मदिन का दुखद अंत

अकलंक के पिता, अंकेश जैन, ऑटो पार्ट्स के बड़े व्यापारी हैं। पूरा परिवार इस घटना से गहरे सदमे में है। सबसे दुखद यह है कि अकलंक का जन्मदिन महज दो दिन पहले, 30 जुलाई को, धूमधाम से मनाया गया था। उसका सपना था कि वह फुटबॉलर बने और देश के लिए मेडल जीते, लेकिन ऑनलाइन गेमिंग की लत ने उसके और उसके परिवार के सपनों को चूर-चूर कर दिया।


जानलेवा लत पर रोक लगाने की आवश्यकता

इस मासूम की असमय मौत ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं कि ऑनलाइन गेमिंग की इस जानलेवा लत पर कैसे रोक लगाई जाए, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसा दर्द न झेलना पड़े। इस लत के कारण बच्चे छोटी उम्र में आक्रामक हो रहे हैं और मना करने पर आत्मघाती कदम उठा रहे हैं। अभिभावकों में इस घटना को लेकर गहरी चिंता है।


ऑनलाइन गेमिंग के बढ़ते चलन और बच्चों पर इसके घातक प्रभाव को रोकने के लिए अभिभावकों, सरकार और समाज को मिलकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।


आपकी क्या राय है, इस गंभीर समस्या को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है?