इंडिया ब्लॉक का चुनाव आयोग पर हमला: कदाचार के आरोप और मतदाता सूची की समीक्षा

इंडिया ब्लॉक ने चुनाव आयोग पर हाल के चुनावों में कदाचार का आरोप लगाया है। विपक्षी नेताओं ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और अन्य नेताओं ने निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर संदेह जताया है। महुआ मोइत्रा ने फर्जी मतदाता सूचियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और विपक्षी नेताओं की क्या प्रतिक्रियाएँ हैं।
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इंडिया ब्लॉक का चुनाव आयोग पर हमला: कदाचार के आरोप और मतदाता सूची की समीक्षा

इंडिया ब्लॉक का चुनाव आयोग पर आरोप

सोमवार को इंडिया ब्लॉक ने चुनाव आयोग के खिलाफ अपनी आवाज उठाई, हाल के चुनावों में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के निर्णय पर सवाल उठाए। महाराष्ट्र और कर्नाटक में कथित अनियमितताओं का जिक्र करते हुए, नेताओं ने अपनी आलोचना को और तेज कर दिया। टीएमसी की महुआ मोइत्रा ने लोकसभा को तुरंत भंग करने की मांग की। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई, सपा के रामगोपाल यादव, टीएमसी की महुआ मोइत्रा, राजद के मनोज झा, आप के संजय सिंह और अन्य वरिष्ठ विपक्षी नेता शामिल हुए।


 


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कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि चुनाव आयोग (EC) ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजनीतिक दलों पर सवाल उठाए, जब उन्हें यह बताना पड़ा कि वे इतनी जल्दी SIR क्यों कर रहे हैं। बिहार में SIR पर EC की चुप्पी संदिग्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बीच 70 लाख नए मतदाता कैसे जुड़े। यह स्पष्ट है कि EC ऐसे अधिकारियों के अधीन है जो निष्पक्ष नहीं हैं। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग विपक्ष के सवालों का उत्तर नहीं दे पा रहा है और अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है।




गोगोई ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या बढ़ाने, महादेवपुरा में मतदाता सूची में विसंगतियों और वीडियो डेटा हटाने पर निर्वाचन आयोग चुप है। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग उन अधिकारियों के हाथों में है जो विपक्ष के किसी भी आरोप की जांच नहीं कर रहे। रामगोपाल यादव ने कहा कि सपा नेताओं ने 2022 में मतदाता सूची से 18,000 मतदाताओं के नाम हटाने का हलफनामा दिया, लेकिन निर्वाचन आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग का यह दावा गलत है कि विपक्ष बिना तथ्यों के आरोप लगा रहा है।


 


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महुआ मोइत्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने ‘डुप्लिकेट ईपीआईसी वोटर कार्ड’ का मुद्दा उठाया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि फर्जी मतदाता सूचियों के लिए पूर्व चुनाव आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और लोकसभा को तुरंत भंग किया जाना चाहिए। राजद के मनोज झा ने कहा कि संविधान सुरक्षा के लिए है, यह संवैधानिक नैतिकता के उल्लंघन के लिए ढाल नहीं हो सकता। शिवसेना-उबाठा के अरविंद सावंत ने आरोप लगाया कि मुख्य चुनाव आयुक्त का व्यवहार सनक भरा दिखा, ऐसा लग रहा था जैसे वह भाजपा प्रवक्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं।