इंडिजिनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्रिपुरा को चुनाव आयोग का नोटिस

भारत के चुनाव आयोग ने इंडिजिनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्रिपुरा को एक शो-कॉज नोटिस जारी किया है, जिसमें पार्टी से पूछा गया है कि क्यों इसे डीलिस्ट नहीं किया जाना चाहिए। पार्टी ने पिछले चुनावों में कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया है, जिससे इसकी राजनीतिक गतिविधियों पर सवाल उठ रहे हैं। ईसीआई ने पार्टी को अपनी स्थिति स्पष्ट करने का अवसर दिया है, और यदि कोई उत्तर नहीं मिलता है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी। जानें इस मामले में आगे क्या हो सकता है और पार्टी की प्रतिक्रिया क्या होगी।
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इंडिजिनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्रिपुरा को चुनाव आयोग का नोटिस

चुनाव आयोग का नोटिस


अगरतला, 14 अगस्त: भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने इंडिजिनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्रिपुरा (आईएनपीटी) को एक शो-कॉज नोटिस जारी किया है, जिसमें पार्टी से यह लिखित रूप में बताने को कहा गया है कि इसे क्यों डीलिस्ट नहीं किया जाना चाहिए।


पूर्व विद्रोही और अब राजनीतिक नेता बिजॉय कुमार हरंगखाल ने 2002 में आईएनपीटी की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य जनजातीय राजनीतिक ताकतों को एकजुट करना था, लेकिन यह 2021 में टिपरा मोथा पार्टी (TMP) में विलीन हो गई।


चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार, आईएनपीटी ने 2018 और 2023 में हुए आम चुनावों और पिछले दो आम चुनावों के लिए कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया। नोटिस में कहा गया है कि यह स्पष्ट है कि पार्टी अब राजनीतिक पार्टी के रूप में कार्य नहीं कर रही है।


ईसीआई ने पार्टी की मान्यता को रद्द करने का प्रस्ताव रखा है।


नोटिस में कहा गया है, "पार्टी को यह अवसर दिया जा रहा है कि वह अपनी बात रखे कि क्यों प्रस्तावित कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।"


आईएनपीटी को ईसीआई को इस संबंध में लिखित रूप में अपनी बात रखने के लिए कहा गया है, यदि वह ऐसा चाहती है। यह प्रतिनिधित्व 21 अगस्त 2025 तक पहुंचना चाहिए।


पार्टी के लिए सुनवाई की तारीख 28 अगस्त को अपराह्न 3 बजे त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय में निर्धारित की गई है।


नोटिस में यह भी कहा गया है कि यदि पार्टी द्वारा उपरोक्त तिथि तक कोई उत्तर नहीं प्राप्त होता है, तो यह माना जाएगा कि पार्टी के पास इस मामले में कहने के लिए कुछ नहीं है और उचित कार्रवाई की जाएगी।