इंडिगो एयरलाइन पर 20 लाख रुपये का जुर्माना, पायलट प्रशिक्षण में अनियमितताएं

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने इंडिगो एयरलाइन पर श्रेणी C हवाई अड्डों पर पायलट प्रशिक्षण में अनियमितताओं के लिए 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। एयरलाइन ने कहा है कि वह इस आदेश को चुनौती देगी और जुर्माने का उसकी वित्तीय स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इंडिगो की प्रतिक्रिया।
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इंडिगो एयरलाइन पर 20 लाख रुपये का जुर्माना, पायलट प्रशिक्षण में अनियमितताएं

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय का निर्णय

भारत की प्रमुख एयरलाइन इंडिगो पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने श्रेणी C हवाई अड्डों पर पायलट प्रशिक्षण में कथित अनियमितताओं के लिए 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन ने बुधवार को शेयर बाजार को सूचित किया कि एयरलाइन को विमानन नियामक से आधिकारिक सूचना 26 सितंबर, 2025 को प्राप्त हुई थी।  


सिमुलेटरों के उपयोग में उल्लंघन

अप्रमाणित सिमुलेटरों से संबंधित उल्लंघन

डीजीसीए के अनुसार, यह उल्लंघन इंडिगो द्वारा पायलट प्रशिक्षण के लिए उचित रूप से योग्य सिमुलेटरों का उपयोग करने में विफलता से संबंधित है, जो विमानन सुरक्षा मानदंडों के तहत आवश्यक है। नियामक द्वारा एयरलाइन के प्रशिक्षण रिकॉर्ड की समीक्षा में पाया गया कि लगभग 1,700 पायलटों, जिनमें कमांडर और प्रथम अधिकारी शामिल हैं, ने पूर्ण उड़ान सिमुलेटरों (एफएफएस) पर सत्र में भाग लिया, जो विशिष्ट श्रेणी C हवाई अड्डों के संचालन के लिए प्रमाणित नहीं थे। भारत की नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं के अनुसार, श्रेणी C हवाई अड्डों के लिए पायलट प्रशिक्षण विशेष रूप से योग्य सिमुलेटरों का उपयोग करके किया जाना चाहिए। 


इंडिगो की प्रतिक्रिया

इंडिगो डीजीसीए के आदेश को चुनौती देगी

इस मामले पर इंडिगो ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह उचित अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष डीजीसीए के आदेश को चुनौती देने की प्रक्रिया में है। एयरलाइन ने यह भी स्पष्ट किया कि इस जुर्माने का उसकी वित्तीय स्थिति, संचालन या अन्य व्यावसायिक गतिविधियों पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा। इंडिगो ने जानकारी देने में देरी के लिए आंतरिक संचार में देरी को भी जिम्मेदार ठहराया। एयरलाइन ने कहा कि यह देरी अनजाने में हुई और आदेश के विवरण के आंतरिक संचार में देरी के कारण हुई।