आषाढ़ माह 2025: धार्मिक महत्व और नियम
आषाढ़ माह 2025 का आगमन 12 जून को होगा, जिसमें भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है। इस माह में धार्मिक यात्रा और दान का महत्व है, जबकि विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। जानें इस माह के नियम और धार्मिक आस्था के बारे में अधिक जानकारी।
Jun 12, 2025, 14:11 IST
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आषाढ़ माह का आगमन
आषाढ़ माह 2025: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ का चौथा महीना जल्द ही शुरू होने वाला है। इस माह में भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है। वर्ष 2025 में आषाढ़ की शुरुआत 12 जून, गुरुवार से होगी।
आषाढ़ माह का महत्व
इस महीने में देवश्यनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, जिसके कारण इस दौरान शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है।
आषाढ़ माह में क्या करें?
आषाढ़ माह में क्या करें?
- इस माह में शिव जी की पूजा का विशेष महत्व है। भोलेनाथ के साथ-साथ विष्णु जी और सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए।
- रोजाना सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
- धार्मिक यात्रा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
- दान देने का विशेष महत्व है, जैसे छाता, पानी से भरा घड़ा, खरबूजा, तरबूज, नमक और आंवले का दान करें।
- तुलसी में जल में थोड़ा दूध मिलाने से घर में बरकत होती है, जिससे आर्थिक तंगी दूर होती है।
आषाढ़ माह में क्या न करें?
आषाढ़ माह में क्या नहीं करें?
- देवश्यनी एकादशी के बाद चातुर्मास शुरू होता है, जिसमें शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।
- इस माह में विवाह, गृहप्रवेश और मुंडन जैसे कार्य वर्जित होते हैं।
- मांस, मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।