आर्थिक सुधारों से भारत की स्थिति में बदलाव: चंद्रबाबू नायडू

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में आर्थिक सुधारों के प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत एक वर्ष में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की स्थिति में है और 2038 तक यह दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। नायडू ने न्यायपालिका की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया, इसे लोकतंत्र के चार स्तंभों में से एक मानते हुए। इस सम्मेलन में कई प्रमुख न्यायाधीश और कानूनी विशेषज्ञ भी शामिल हुए।
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आर्थिक सुधारों से भारत की स्थिति में बदलाव: चंद्रबाबू नायडू

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री का बयान

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने रविवार को कहा कि आर्थिक सुधारों ने देश की दिशा को बदल दिया है, और भारत एक वर्ष में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।


भारत की भविष्यवाणी

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ (एपीएचसीएए) के सम्मेलन में, नायडू ने भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर कहा कि 2038 तक भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना रखता है।


आर्थिक सुधारों का महत्व

उन्होंने कहा, "आर्थिक सुधारों ने देश की दिशा को बदल दिया है और भारत एक वर्ष में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की स्थिति में है।" नायडू ने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि 2047 तक, जब भारत स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।


न्यायपालिका की भूमिका

नायडू ने न्यायपालिका की भूमिका पर भी प्रकाश डाला, इसे लोकतंत्र के चार स्तंभों में से एक बताया और कहा कि यह विधायिका, कार्यपालिका और मीडिया की तुलना में अधिक स्थिरता प्रदान करता है।


सम्मेलन में उपस्थित लोग

उन्होंने कहा, "जब भी कोई व्यवधान उत्पन्न होता है, न्यायपालिका उसे सुधारने और लोकतंत्र की सच्ची भावना को बनाए रखने के लिए आगे आती है।" इस सम्मेलन में भारत के प्रधान न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश धीरज सिंह ठाकुर, वरिष्ठ न्यायाधीश, कानूनी विशेषज्ञ और प्रमुख जनप्रतिनिधि शामिल हुए।