आरिफ मसूद को उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा पर राजनीतिक चर्चाएं तेज

मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने विधायक आरिफ मसूद को भविष्य में उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की है, जो राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है। भाजपा ने इसे 'सपना' करार दिया है, जबकि राजनीतिक विश्लेषक इसे पार्टी की रणनीति के तहत देख रहे हैं। पटवारी का यह बयान मुस्लिम समुदाय के प्रति कांग्रेस के प्रेम को दर्शाता है। इस घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर उनका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जानकार मानते हैं कि यह राजनीतिक रणनीति चुनाव परिणामों में अपनी भूमिका निभा सकती है।
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आरिफ मसूद को डिप्टी सीएम बनाने की घोषणा

आरिफ मसूद को उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा पर राजनीतिक चर्चाएं तेज


हालांकि मध्यप्रदेश में इस समय चुनाव नहीं हो रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी द्वारा विधायक आरिफ मसूद को भविष्य में उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।


भाजपा ने इसे ‘सपना’ करार दिया

भाजपा ने पटवारी के इस बयान को ‘सपना’ बताते हुए आलोचना की है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान पार्टी की रणनीति के अनुरूप है। इसी दिन कांग्रेस ने पूर्व क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को तेलंगाना कैबिनेट में मंत्री नियुक्त किया।


जश्न तहरीके आजादी कार्यक्रम में की गई घोषणा

यह घोषणा भोपाल में आयोजित ‘जश्न तहरीके आजादी याद करो उलमा की कुर्बानी’ कार्यक्रम में की गई। पटवारी के इस बयान को कांग्रेस के मुस्लिम समुदाय के प्रति प्रेम और उनकी अहमियत को दर्शाने के रूप में देखा जा रहा है।


कांग्रेस की सरकारों में मुस्लिम नेताओं को मिला महत्व

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की हर सरकार में मुस्लिम नेताओं को महत्वपूर्ण पद दिए गए हैं। कमलनाथ सरकार से लेकर पूर्व की सरकारों तक, कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय के नेताओं को न केवल मंत्री बनाया, बल्कि उन्हें प्रशासनिक और राजनीतिक प्रभाव भी दिया।


भोपाल में सक्रिय मुस्लिम विधायक

वर्तमान में भोपाल में कांग्रेस के दो मुस्लिम विधायक सक्रिय हैं। पटवारी के बयान को बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़ा जा रहा है, जहां मुस्लिम मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि, पिछले एक दशक में कांग्रेस नेताओं के ऐसे बयानों ने अक्सर पार्टी को नुकसान ही पहुँचाया है।


सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

पटवारी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। इसे कांग्रेस का मुस्लिम प्रेम दर्शाने वाला कदम माना जा रहा है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी मंच पर मौजूद थे, जिन्होंने न तो समर्थन किया और न ही विरोध। विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस का यह मुस्लिम कार्ड राजनीतिक रणनीति हो सकता है, लेकिन इसके प्रभाव और भविष्य में पार्टी को लाभ या नुकसान चुनाव परिणामों में ही स्पष्ट होगा।