आरबीआई ने शुरू किए तीन महत्वपूर्ण सर्वेक्षण, जानें कैसे प्रभावित होंगी आर्थिक नीतियां
आरबीआई के नए सर्वेक्षणों की शुरुआत
आरबीआई सर्वे
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश की आर्थिक स्थिति का आकलन करने के लिए तीन महत्वपूर्ण सर्वेक्षणों की शुरुआत की है। इन सर्वेक्षणों का उद्देश्य यह जानना है कि आम जनता महंगाई, रोजगार और आय के संदर्भ में क्या उम्मीदें रखती है। इन सर्वेक्षणों से प्राप्त जानकारी सीधे तौर पर बैंक की मौद्रिक नीति और ब्याज दरों को प्रभावित कर सकती है।
इन सर्वेक्षणों की घोषणा शुक्रवार को की गई, और ये नवंबर 2025 में आयोजित किए जाएंगे। खास बात यह है कि इसमें शहरी और ग्रामीण दोनों प्रकार के परिवारों की राय शामिल की जाएगी, जिससे देश की आर्थिक सोच का व्यापक दृष्टिकोण प्राप्त होगा।
महंगाई से जुड़ी उम्मीदों का सर्वे (IESH)
पहला सर्वे है Inflation Expectations Survey of Households (IESH), जिसका उद्देश्य यह जानना है कि लोग आने वाले महीनों में महंगाई के बारे में क्या सोचते हैं। क्या उन्हें लगता है कि दाल, तेल, गैस या कपड़ों की कीमतें बढ़ेंगी या घटेंगी?
यह सर्वे 19 प्रमुख शहरों में किया जाएगा, जहां परिवारों से उनके व्यक्तिगत खर्च और कीमतों में बदलाव के बारे में जानकारी ली जाएगी। इससे RBI को यह समझने में मदद मिलेगी कि आम जनता को भविष्य में कीमतों के बढ़ने या घटने की कितनी चिंता है। यही चिंता केंद्रीय बैंक की नीतियों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
शहरी उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (UCCS)
दूसरा सर्वे Urban Consumer Confidence Survey (UCCS) है, जो शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति के प्रति उनकी भावनाओं को मापता है। इस सर्वे में परिवारों से पूछा जाएगा कि वे मौजूदा अर्थव्यवस्था, रोजगार के अवसर, कीमतों के स्तर, और अपनी आय-व्यय के बारे में क्या सोचते हैं।
क्या लोग अपनी नौकरी को सुरक्षित मानते हैं? क्या उन्हें लगता है कि वे भविष्य में अधिक खर्च कर पाएंगे या बचत बढ़ेगी? इस तरह के प्रश्नों से यह पता चलता है कि शहरी क्षेत्रों में लोगों का आर्थिक आत्मविश्वास कैसा है। यह जानकारी RBI के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उपभोक्ता खर्च और बाजार की गतिविधियों को प्रभावित करती है।
ग्रामीण उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (RCCS)
तीसरा सर्वे Rural Consumer Confidence Survey (RCCS) है, जो ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों पर केंद्रित है। यह सर्वे 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किया जाएगा। ग्रामीण परिवारों से उनकी मौजूदा आर्थिक स्थिति, रोजगार के अवसर, वस्तुओं की कीमतें, और अपनी आय के बारे में सवाल किए जाएंगे, साथ ही आने वाले एक साल में वे किन बदलावों की उम्मीद रखते हैं।
नीति निर्माण में सर्वेक्षणों की भूमिका
RBI हर साल ये सर्वेक्षण करता है ताकि यह जान सके कि लोग अर्थव्यवस्था को किस दृष्टिकोण से देख रहे हैं। इन सर्वेक्षणों से प्राप्त आंकड़े मौद्रिक नीति समिति (MPC) को भेजे जाते हैं, जो ब्याज दरों, महंगाई नियंत्रण और ऋण नीति से संबंधित निर्णय लेती है। इन सर्वेक्षणों के परिणाम 3 दिसंबर से शुरू होने वाली MPC बैठक से पहले आने की संभावना है।
