आरके सिंह के विवादास्पद बयान: बीजेपी की चुप्पी का रहस्य

आरके सिंह के विवादास्पद बयानों ने बीजेपी को बिहार चुनाव में असहज स्थिति में डाल दिया है। पार्टी उनके बयानों के प्रभाव का आकलन कर रही है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जानें कि क्यों बीजेपी आरके सिंह के खिलाफ कदम उठाने से बच रही है और उनके बयानों का पार्टी के भविष्य पर क्या असर हो सकता है।
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आरके सिंह के विवादास्पद बयान: बीजेपी की चुप्पी का रहस्य

आरके सिंह की बयानबाजी से बीजेपी की मुश्किलें

आरके सिंह के विवादास्पद बयान: बीजेपी की चुप्पी का रहस्य

पूर्व केंद्रीय मंत्री और ब्यूरोक्रेट आरके सिंह

पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने अपने बयानों के जरिए बीजेपी को बिहार चुनाव में असहज स्थिति में डाल दिया है। उनके बयान न केवल पार्टी के नेताओं नित्यानंद राय और सम्राट चौधरी को परेशान कर रहे हैं, बल्कि नीतीश सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। चुनावों के नजदीक, बीजेपी उनके बयानों के प्रभाव का आकलन कर रही है, लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

पार्टी के नेताओं का मानना है कि आरके सिंह के बयान उनके अपने राजनीतिक भविष्य को खतरे में डाल रहे हैं। आरके सिंह ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ प्रशांत किशोर के हमलों का समर्थन किया है.

बीजेपी की चुप्पी का कारण

बीजेपी चुनावों के दौरान आरके सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना चाहती। पार्टी को लगता है कि अगर अभी कार्रवाई की गई तो विपक्ष इसका फायदा उठाएगा और चुनावी मुद्दा बनाएगा.

बीजेपी ने अपने नेताओं को आरके सिंह के बयानों पर ध्यान देने की सलाह दी है।

बीजेपी ने पवन सिंह को पार्टी में शामिल करके आरके सिंह के प्रभाव को कम करने में सफल हुई है.

आरके सिंह की नाराजगी

आरा से लोकसभा चुनावों में हार के बाद आरके सिंह पार्टी से नाराज रहे हैं. उनका मानना है कि उनकी हार के पीछे पार्टी के लोगों का हाथ था.

पवन सिंह का भी इसमें बड़ा योगदान था. बीजेपी ने राजपूत वोटरों को संतुष्ट करने के लिए टिकट बंटवारे में भी राजपूतों को प्रतिनिधित्व दिया है.