आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भारत पर टैरिफ के पीछे की चिंताओं पर की चर्चा

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में एक समारोह के दौरान भारत पर लगाए गए टैरिफ के पीछे की चिंताओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वैश्विक शक्तियाँ भारत की बढ़ती ताकत से चिंतित हैं और इसीलिए टैरिफ लगाए गए हैं। भागवत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह भारत की गलती नहीं है, बल्कि यह आत्मकेंद्रित मानसिकता का परिणाम है। उनकी टिप्पणियाँ अमेरिका द्वारा भारतीय आयातों पर टैरिफ लगाने के संदर्भ में आई हैं।
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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भारत पर टैरिफ के पीछे की चिंताओं पर की चर्चा

भारत की बढ़ती ताकत पर वैश्विक चिंताएँ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि भारत पर लगाए गए टैरिफ उसकी वृद्धि के डर के कारण हैं। उन्होंने यह बात नागपुर में ब्रह्मकुमारी विश्व शांति सरोवर के 7वें स्थापना दिवस समारोह में कही, जहाँ उन्होंने भारत की वैश्विक भूमिका और सामूहिक सोच की आवश्यकता पर जोर दिया।


भागवत ने बिना किसी देश का नाम लिए यह बताया कि कुछ देशों को यह डर है कि अगर भारत और बड़ा हो गया तो उनकी स्थिति क्या होगी। इसलिए, उन्होंने टैरिफ लगाने का निर्णय लिया।


उन्होंने स्पष्ट किया कि टैरिफ लगाना भारत की गलती नहीं है, बल्कि यह वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती स्थिति के प्रति चिंता का परिणाम है। भागवत ने कहा कि भारत ने कुछ नहीं किया; वे केवल उसी को खुश कर रहे हैं जिसने यह सब किया है, क्योंकि यदि यह उनके साथ है, तो वे भारत पर दबाव डाल सकते हैं। संघ प्रमुख ने कहा कि ऐसे कदम आत्मकेंद्रित मानसिकता का परिणाम हैं।


भागवत ने कहा कि यह सब 'मैं और मेरा' के खेल में होता है। जब लोग समझेंगे कि 'मैं और मेरा' वास्तव में 'हम और हमारा' है, तो सभी मुद्दे समाप्त हो जाएंगे। आज की दुनिया को एक समाधान की आवश्यकता है।


यह टिप्पणी अमेरिका द्वारा भारतीय आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के संदर्भ में आई है, जिसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद के कारण 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ भी शामिल है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस कदम को अनुचित बताते हुए कहा कि नई दिल्ली अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करेगी।