आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भाजपा के निर्णयों पर स्पष्टता दी

आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने भाजपा के निर्णयों पर नियंत्रण के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संघ केवल सलाह दे सकता है, निर्णय नहीं। उन्होंने भाजपा और आरएसएस के बीच विचारों में भिन्नता की बात की, लेकिन मन में मतभेद नहीं होने की पुष्टि की। भागवत ने यह भी स्पष्ट किया कि संघ शासन में हस्तक्षेप नहीं करता है। इस बयान ने भाजपा के नए अध्यक्ष की घोषणा में हो रही देरी के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है।
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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भाजपा के निर्णयों पर स्पष्टता दी

आरएसएस और भाजपा के बीच संबंधों पर मोहन भागवत का बयान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को यह स्पष्ट किया कि उनके संगठन का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निर्णयों पर कोई नियंत्रण नहीं है। भाजपा के नए अध्यक्ष की घोषणा में हो रही देरी पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की धारणाएँ पूरी तरह से निराधार हैं। भागवत ने कहा, "यह पूरी तरह से गलत है। ऐसा नहीं हो सकता। मैं कई वर्षों से संघ का नेतृत्व कर रहा हूँ और वे सरकार का संचालन कर रहे हैं। इसलिए हम केवल सलाह दे सकते हैं, निर्णय नहीं। अगर हम निर्णय लेते, तो क्या इसमें इतना समय लगता? हम निर्णय नहीं लेते। आप अपना समय लें।


भागवत ने यह भी बताया कि आरएसएस और भाजपा के विचारों में भिन्नताएँ हो सकती हैं, लेकिन उनके बीच कोई मनोवैज्ञानिक मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि संघ केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के साथ समन्वय बनाए रखता है, लेकिन अंतिम निर्णय लेने का अधिकार पूरी तरह से भाजपा के पास है। उन्होंने स्पष्ट किया, "विभिन्न मामलों में, संघ सुझाव दे सकता है, लेकिन निर्णय हमेशा भाजपा का होता है।" भागवत ने यह भी कहा कि संगठन शासन या राजनीतिक नियुक्तियों में हस्तक्षेप नहीं करता है।