आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का युवा सम्मेलन में संबोधन

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आज सिलीगुड़ी में युवा सम्मेलन को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम आरएसएस के शताब्दी समारोह का हिस्सा है, जिसमें उत्तर बंगाल और सिक्किम के युवा भाग लेंगे। सम्मेलन में युवाओं की भूमिका और उनके दायित्वों पर चर्चा की जाएगी। भागवत का भाषण देश के युवाओं के महत्व को उजागर करेगा।
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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का युवा सम्मेलन में संबोधन

युवा सम्मेलन का आयोजन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन राव भागवत आज सिलीगुड़ी में आयोजित युवा सम्मेलन को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम आरएसएस के उत्तरबंगा प्रांत द्वारा शताब्दी समारोह के तहत आयोजित किया जा रहा है, जिसे पूरे देश में मनाया जा रहा है।


सम्मेलन में भागीदारी

उत्तर बंगाल के आठ जिलों से बड़ी संख्या में युवा इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए आएंगे, साथ ही पड़ोसी राज्य सिक्किम के प्रतिभागियों की भी उम्मीद है। डॉ. भागवत कल ही सिलीगुड़ी पहुंचे हैं और वे सुबह लगभग 11 बजे सभा को संबोधित करेंगे।


तैयारियों की जानकारी

सैकड़ों स्वयंसेवक और आयोजक कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हुए हैं। मंच और कार्यक्रम स्थल पूरी तरह से तैयार है। आरएसएस प्रमुख का भाषण सुनने के लिए सुबह से ही 15 से 35 वर्ष की आयु के हजारों लड़के-लड़कियां कार्यक्रम स्थल पर पहुंच रहे हैं।


युवाओं की भूमिका

आरएसएस प्रवक्ता समीर कुमार घोष ने बताया कि इस कार्यक्रम में 15 से 35 वर्ष की आयु के युवाओं की भागीदारी की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले से युवा लड़के-लड़कियों के इस कार्यक्रम में भाग लेने की संभावना है। उन्हें संबोधित किया जाएगा और आने वाले दिनों में युवाओं के दायित्वों और कर्तव्यों के बारे में मार्गदर्शन दिया जाएगा।


युवाओं का महत्व

डॉ. भागवत ने कहा कि युवाओं की भूमिका देश के लिए महत्वपूर्ण है। यदि उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन दिया जाए, तो देश भी प्रगति करेगा। यह सम्मेलन आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला का एक हिस्सा है।


आरएसएस की स्थापना

आरएसएस की स्थापना 1925 में विजयदशमी के शुभ अवसर पर डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना और एक मजबूत, अनुशासित राष्ट्र के निर्माण में योगदान देना था।