आपातकाल के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में साहसिक भूमिका: अर्जुन राम मेघवाल
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आपातकाल के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष करने वालों की भूमिका को याद किया। उन्होंने इसे देश के लोकतंत्र के इतिहास का एक काला अध्याय बताया, जिसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों का दमन किया गया। मेघवाल ने साहसिकता के साथ अधिकारों के लिए लड़ने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। इस लेख में आपातकाल के प्रभाव और उसके दौरान की घटनाओं पर चर्चा की गई है, जो आज भी प्रासंगिक हैं।
Jun 25, 2025, 10:41 IST
|

आपातकाल की याद में अर्जुन राम मेघवाल का संदेश
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को आपातकाल के समय लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष करने वालों की महत्वपूर्ण भूमिका को याद किया। यह आपातकाल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लागू किया गया था।
मेघवाल ने 21 महीने तक चलने वाले इस आपातकाल को देश के लोकतंत्र के इतिहास में एक ‘‘काला अध्याय’’ बताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर साझा की गई एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह वह समय था जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, नागरिक अधिकार और संवैधानिक मूल्यों का दमन किया गया था।’’
कानून मंत्री ने उन सभी लोगों को याद किया, जिन्होंने उस ‘‘अंधकारमय काल’’ में साहस के साथ अमानवीय यातनाओं और उत्पीड़न का सामना करते हुए अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया।