आप नेता ने चुनाव आयोग पर उठाए गंभीर सवाल, तेजस्वी यादव के आरोपों का किया जिक्र

दिल्ली के आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि आयोग भाजपा के साथ मिलकर बिहार में मतदाता सूची में हेरफेर कर रहा है। तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई चौंकाने वाले तथ्य पेश किए हैं, जैसे कि भाजपा नेताओं को एक ही विधानसभा में दो-दो मतदाता पहचान पत्र दिए जा रहे हैं। इस विवाद में और क्या तथ्य सामने आएंगे, जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
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आप नेता ने चुनाव आयोग पर उठाए गंभीर सवाल, तेजस्वी यादव के आरोपों का किया जिक्र

चुनाव आयोग पर उठे सवाल

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को भारत के चुनाव आयोग पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग उल्टा चोर कोतवाल को डांटने जैसा व्यवहार कर रहा है, जो एक हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है कि आरोपी खुद पर लगे आरोपों को आरोप लगाने वाले पर डाल रहा है। यह टिप्पणी राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों के संदर्भ में आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि आयोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर बिहार में मतदाता सूची में हेरफेर कर रहा है।


आप के आरोप और तेजस्वी यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस

आप नेता ने एएनआई से बातचीत में कहा कि चुनाव आयोग का वर्तमान व्यवहार 'चोर कोतवाल को डांटे' जैसा प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि जो लोग पहले चुनाव आयोग को निष्पक्ष मानते थे, अब उन्हें लगता है कि इसका व्यवहार किसी राजनीतिक दल की युवा शाखा जैसा है। उन्होंने यह भी बताया कि अरविंद केजरीवाल और आतिशी ने कई बार आयोग को शिकायत पत्र भेजे हैं, लेकिन आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। तेजस्वी यादव ने भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिलकर बिहार में मतदाता सूची में हेरफेर कर रहा है।


निर्मला देवी और मतदाता पहचान पत्र का मामला

पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, यादव ने कहा कि भाजपा के नेताओं को एक ही विधानसभा में दो-दो मतदाता पहचान पत्र दिए जा रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मुज़फ़्फ़रपुर की मेयर और भाजपा नेता निर्मला देवी के पास भी एक ही विधानसभा में दो अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र हैं। इसके अलावा, उनके दो देवरों के पास भी दो मतदाता पहचान पत्र हैं।


बिहार में मतदाता सूची में हेरफेर के आरोप

यादव ने आगे कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान बिहार की मतदाता सूची में दूसरे राज्यों के लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब गुजरात के लोग बिहार के मतदाता बन रहे हैं। भाजपा के प्रभारी भीखूभाई दलसानिया का नाम भी पटना के मतदाता के रूप में दर्ज है, जबकि उन्होंने अपना अंतिम वोट 2024 में गुजरात में डाला था। यह स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि चुनाव खत्म होने के बाद ये लोग कहाँ जाएंगे?