आदि कर्मयोगी अभियान पर राष्ट्रीय सम्मेलन: आदिवासी गौरव को मिलेगा नया आयाम

आदि कर्मयोगी अभियान का राष्ट्रीय सम्मेलन

आदि कर्मयोगी अभियान 2025 पर राष्ट्रीय सम्मेलन.
जनजातीय कार्य मंत्रालय शुक्रवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेगा। मंत्रालय का मानना है कि यह सम्मेलन नागरिक-केंद्रित शासन व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी, साथ ही केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री और विभिन्न मंत्रालयों के मंत्री भी शामिल होंगे।
यह सम्मेलन जनजातीय गौरव वर्ष (15 नवंबर 2024 से 15 नवंबर 2025) के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने घोषित किया है। इसका उद्देश्य आदिवासी परंपराओं, नेतृत्व और योगदान को मान्यता देना है, साथ ही नई पीढ़ी के लिए उनकी आकांक्षाओं को सशक्त बनाना है।
ट्राइबल विलेज विजन-2030: विचार से क्रियान्वयन तक
सम्मेलन का मुख्य ध्यान ट्राइबल विलेज विज़न-2030 पर होगा, जिसमें 50,000 से अधिक ग्राम कार्य योजनाओं के विचारों को नीति में बदलने, कार्यान्वयन ढांचे तैयार करने और रणनीतियों को अंतिम रूप देने पर चर्चा की जाएगी। इसके लिए पांच समूह बनाए गए हैं, जिनमें शिक्षा और कौशल विकास, स्वास्थ्य और पोषण, आजीविका और उद्यमिता, आधारभूत ढांचा और शासन और संस्थागत सुदृढ़ीकरण शामिल हैं।
इन समूहों का नेतृत्व सचिव स्तर के अधिकारी करेंगे, और संबंधित केंद्रीय मंत्री मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। सम्मेलन में मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं के तहत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्यों, जिलों और व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा। इनमें शामिल हैं:
- पीएम-जनमन: सर्वश्रेष्ठ मंत्रालय, राज्य और जिले
- धरती आबा जनभागीदारी अभियान: सर्वश्रेष्ठ राज्य और जिले
- आदि कर्मयोगी अभियान: सर्वश्रेष्ठ राज्य, जिले, मास्टर ट्रेनर, आदि साथी और आदि सहयोगी
- ट्राइबल विलेज विज़न 2030 एक्शन प्लान
ट्राइबल विलेज विज़न-2030 का एक्शन प्लान
ट्राइबल विलेज विज़न 2030 के एक्शन प्लान के तहत हर आदिवासी गांव ने अपनी विकास यात्रा का रोडमैप तैयार किया है, जो विकसित भारत@2047 के लक्ष्य से जुड़ा है। सामुदायिक भागीदारी पर आधारित ग्राम स्तर की योजना, शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और आधारभूत सुविधाओं पर प्राथमिकता, पीएम-जनमन और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान 2.0 से एकीकरण, गांव-गांव आदि सेवा केंद्र स्थापित करना, जो सिंगल विंडो सर्विस सेंटर की तरह कार्य करेंगे, इस योजना की प्रमुख विशेषताएं हैं।
अब तक 56,000 से अधिक गांवों ने विजन-2030 प्लान तैयार किया है। उल्लेखनीय है कि 17 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश के धार जिले से आदि कर्मयोगी अभियान की शुरुआत की थी। यह दुनिया का सबसे बड़ा आदिवासी नेतृत्व मिशन है, जिसने अब तक 20 लाख से अधिक अधिकारियों, महिला स्वयं सहायता समूहों और आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षण दिया है।
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री का बयान
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम ने कहा कि यह सम्मेलन आदि कर्मयोगी अभियान की आकांक्षाओं को ठोस परिणामों में बदलने का मंच बनेगा। उन्होंने कहा कि सेवा और जवाबदेही की भावना को मजबूत किया जाएगा। राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने कहा कि अभियान ने जमीनी स्तर पर शासन की नई चेतना जगाई है, जिससे हर आदिवासी गांव आत्मनिर्भरता और नवाचार का केंद्र बनेगा।