आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना: ग्रामीण परिवहन को बढ़ावा देने वाली पहल

आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना, जो 2017 में शुरू हुई, स्वयं सहायता समूहों को ₹6.5 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करती है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित और किफायती परिवहन सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। इसके तहत, समुदाय आधारित संगठन लाभार्थियों को वाहन खरीदने में सहायता करते हैं। सरकार इस योजना के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया का भी उपयोग कर रही है। जानें इस योजना के कार्यप्रणाली और इसके प्रभाव के बारे में अधिक जानकारी।
 | 
आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना: ग्रामीण परिवहन को बढ़ावा देने वाली पहल

आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना का परिचय


भारत सरकार की नरेंद्र मोदी प्रशासन द्वारा कई योजनाएं लागू की गई हैं, जो लोगों को अपने व्यवसाय स्थापित करने के लिए प्रेरित करती हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण योजना है आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना (AGEY)। इस योजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह (SHG) के सदस्यों को ₹6.5 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाता है।


इस ऋण का उपयोग करके स्वयं सहायता समूह ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित और किफायती परिवहन सेवाएं स्थापित कर सकते हैं।


योजना की शुरुआत और उद्देश्य

आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना की शुरुआत 2017 में हुई थी। इसे भारत सरकार ने दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत लागू किया। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े क्षेत्रों में सड़क परिवहन सेवाओं का संचालन करना है।


कार्यप्रणाली

इस योजना के तहत, DAY-NRLM के अंतर्गत समुदाय आधारित संगठन (सीबीओ) को सामुदायिक निवेश निधि (सीआईएफ) का उपयोग करने की अनुमति होती है। लाभार्थी एसएचजी सदस्य को वाहन खरीदने के लिए सीबीओ द्वारा 6.50 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता है। इसके अलावा, सीबीओ वाहन का स्वामित्व भी ले सकता है और एसएचजी सदस्य को पट्टे पर दे सकता है।


योजना के तहत सभी वाहनों का एक विशेष रंग कोड होता है, और इन पर आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना की ब्रांडिंग होती है, जिससे उनकी पहचान सुनिश्चित होती है।


सरकार की जागरूकता पहल

सरकार इस योजना के बारे में समय-समय पर जागरूकता फैलाने का कार्य करती है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी लोगों को इस योजना के लाभों के बारे में जानकारी दी जाती है। हाल ही में, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर इस योजना के बारे में जानकारी साझा की है।