आजम खान की राजनीति में हलचल: सपा छोड़ने की अटकलें और मुलाकात का महत्व

लखनऊ: आजम खान की वापसी और सियासी चर्चाएं
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख नेता और पूर्व मंत्री आजम खान इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं। जेल से रिहा होने के बाद से उनके अगले कदम को लेकर राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं। यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आजम खान बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो सकते हैं। इस बीच, सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ उनकी संभावित मुलाकात की खबरें भी सामने आ रही हैं। इस मुलाकात से पहले आजम खान ने एक बयान दिया है, जिसने सबका ध्यान खींचा है। उन्होंने कहा, “अगर मैं मर जाता, तो 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा को और अधिक सीटें मिल जातीं।”
आजम खान के बयान का सियासी महत्व
आजम खान का यह बयान राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर रहा है। इसे 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा की संभावित हार से जोड़ा जा रहा है। उनके बयान में पार्टी की रणनीति और उनकी भूमिका को लेकर गहरी बातें छिपी हुई हैं। आजम खान हमेशा से सपा के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहे हैं, और उनके इस बयान ने सपा के भीतर और बाहर चर्चाओं को और बढ़ा दिया है।
अखिलेश यादव की रामपुर यात्रा
सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव 8 अक्टूबर को रामपुर में आजम खान से मिलने वाले हैं। इस मुलाकात को राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आजम खान ने इस मुलाकात के बारे में कहा, “यह पहली बार नहीं है। मैं उनके पिता मुलायम सिंह यादव का मित्र रहा हूं। अखिलेश मेरे लिए मेरी औलाद जैसे हैं। मैं जेल से लौटा हूं, बीमार हूं, और उनके आने का मतलब उनका बड़प्पन है।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह सपा छोड़ देते हैं, तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी, क्योंकि उनकी सेहत और स्थिति अब पहले जैसी नहीं है।
आजम खान और सपा का पुराना रिश्ता
आजम खान का समाजवादी पार्टी से गहरा संबंध रहा है। मुलायम सिंह यादव के करीबी सहयोगी के रूप में, उन्होंने सपा को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेकिन जेल में बिताए लंबे समय और स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उनके तेवर में बदलाव देखा जा रहा है। उनके बयान और बसपा में शामिल होने की अटकलों ने सपा के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या आजम खान वास्तव में सपा छोड़ देंगे? या यह केवल एक राजनीतिक चाल है?
मुलाकात का संभावित परिणाम
अखिलेश और आजम की यह मुलाकात सपा के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। आजम खान के समर्थकों का मानना है कि उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए अखिलेश यह मुलाकात कर रहे हैं। वहीं, कुछ लोग इसे सपा की एकजुटता दिखाने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस मुलाकात के बाद सपा और आजम खान के रिश्ते की दिशा स्पष्ट हो सकती है।