आजम खां की नाराजगी: रामपुर में सियासी हलचल

रामपुर में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां की नाराजगी अभी भी जारी है, खासकर सांसद मोहिबुल्ला नदवी के प्रति। आजम ने स्पष्ट किया है कि वह केवल अखिलेश यादव से मिलेंगे, जिससे नदवी को रामपुर पहुंचने से पहले ही बरेली में रुकना पड़ा। आजम की नाराजगी का मुख्य कारण नदवी का एक विवादास्पद बयान है, जो आजम को जेल में रहते हुए दिया गया था। इस सियासी हलचल में अखिलेश ने आजम को सम्मान देकर उनके साथ संबंध मजबूत करने की कोशिश की है। जानें पूरी कहानी।
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आजम खां की नाराजगी: रामपुर में सियासी हलचल

रामपुर में आजम खां का गुस्सा

रामपुर: समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता आजम खां का गुस्सा अभी भी ठंडा नहीं हुआ है। रामपुर के सांसद मोहिबुल्ला नदवी के प्रति उनकी नाराजगी अब भी बरकरार है। नदवी ने आजम के सियासी गढ़ रामपुर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, लेकिन आजम ने उन्हें स्पष्ट रूप से नजरअंदाज कर दिया।


आजम का स्पष्ट रुख, केवल अखिलेश से मुलाकात

मंगलवार को जब आजम को यह जानकारी मिली कि सांसद नदवी भी अखिलेश यादव के साथ रामपुर आ रहे हैं, तो उन्होंने तुरंत यह घोषणा की कि वह केवल अखिलेश से मिलेंगे। “सिर्फ मैं और अखिलेश, हमारी मुलाकात में कोई और नहीं होगा,” आजम ने स्पष्ट किया। इस निर्णय का परिणाम यह हुआ कि नदवी को रामपुर पहुंचने से पहले बरेली में रुकना पड़ा। वह रामपुर से 70 किलोमीटर दूर ही ठहर गए।


आजम की नाराजगी का कारण

आजम की नाराजगी का कारण स्पष्ट है। जब आजम जेल में थे, तब नदवी ने एक बयान दिया था कि “आजम सुधार गृह गए हैं, सुधर कर आएंगे।” इस बयान ने आजम को गहरा ठेस पहुंचाया। सांसद बनने के बाद भी नदवी ने आजम के परिवार से कोई संपर्क नहीं किया। आजम की पत्नी तंजीन फातिमा और बेटा अब्दुल्ला जेल से रिहा होने के बाद रामपुर में हैं, लेकिन नदवी ने कभी उनके साथ संबंध सुधारने की कोशिश नहीं की।


आजम ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं नदवी को नहीं जानता। उनसे कभी मुलाकात नहीं हुई। वह मस्जिद के इमाम हैं, सम्मान के काबिल हैं, लेकिन मेरा उनसे कोई संबंध नहीं।”


रामपुर: आजम का सियासी गढ़

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आजम की नाराजगी की एक और बड़ी वजह है। रामपुर आजम का सियासी घर है, जिस पर नदवी ने कब्जा कर लिया। 2024 के लोकसभा चुनाव में आजम जेल में थे और उनके परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ सका। ऐसे में आजम ने अखिलेश को रामपुर से चुनाव लड़ने का निमंत्रण दिया था। उन्हें विश्वास था कि अखिलेश के माध्यम से वह अपना सियासी गढ़ वापस ले सकेंगे। लेकिन नदवी के आगमन से उनकी यह योजना विफल हो गई।


अखिलेश ने आजम का दिल जीता

अखिलेश यादव रामपुर में आजम की नाराजगी को समझते हुए आए थे। उन्होंने आजम को पूरा सम्मान दिया और उनकी सियासी अहमियत को सपा का “पेड़” बताकर उनकी प्रशंसा की। अखिलेश ने कहा, “इस पेड़ का साया हमेशा हमारे साथ रहा है।” इस मुलाकात में अखिलेश ने स्पष्ट किया कि वह आजम के साथ अपने रिश्ते को और मजबूत करना चाहते हैं।