आगरा में संपत्ति विवाद: विधवा बहू और 58 वर्षीय सास के बीच टकराव

आगरा में एक अजीबोगरीब संपत्ति विवाद सामने आया है, जिसमें एक विधवा बहू ने अपनी 58 वर्षीय सास के खिलाफ आरोप लगाए हैं। बहू का कहना है कि सास-ससुर उसे संपत्ति में हिस्सा नहीं दे रहे हैं, जबकि सास ने हाल ही में एक बच्चे को जन्म दिया है। इस मामले में दोनों पक्षों के बीच कोई समझौता नहीं हो सका है, और उन्हें अगली तारीख दी गई है। जानें इस दिलचस्प मामले की पूरी कहानी।
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आगरा में संपत्ति विवाद: विधवा बहू और 58 वर्षीय सास के बीच टकराव

संपत्ति के बंटवारे का विवाद

विधवा बहू ने संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद खड़ा किया है।


आगरा में एक परिवार परामर्श केंद्र पर एक अनोखा मामला सामने आया है। एक विधवा बहू ने अपने सास-ससुर के साथ संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद खड़ा किया है। बहू का कहना है कि उसके सास-ससुर उसे संपत्ति में हिस्सा नहीं दे रहे हैं, जबकि उन्होंने 58 वर्ष की आयु में एक बच्चे को जन्म देकर नया वारिस पैदा किया है। दोनों पक्षों के बीच कोई समझौता नहीं हो पाने के कारण उन्हें अगली तारीख दी गई है।


सैंया क्षेत्र की एक युवती ने बताया कि उसकी शादी चार साल पहले कमला नगर में हुई थी। उसका पति एक जिम चलाता था और वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। दो साल पहले उसके पति का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उसके पास कोई संतान नहीं है और पति की मृत्यु के बाद से वह अपने मायके में रह रही है। युवती ने आरोप लगाया कि जब उसने अपने सास-ससुर से संपत्ति में हिस्सा मांगा, तो वे उसे देने में आनाकानी कर रहे हैं।


युवती ने यह भी कहा कि पांच महीने पहले उसकी सास ने 58 वर्ष की उम्र में एक बेटे को जन्म दिया है।


इस पर बहू ने अपनी आपत्ति जताई है। उसका कहना है कि उसे सास-ससुर की संपत्ति में हिस्सा चाहिए, लेकिन इसके लिए वे तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि सास ने बच्चे को जन्म देकर नया वारिस पैदा किया है और अब वे पूरी संपत्ति अपने बच्चे के नाम करना चाहते हैं। परिवार परामर्श केंद्र की प्रभारी नीलम राना ने कहा कि वह इस मामले पर कुछ नहीं कहना चाहतीं, क्योंकि यह परिवार का आपसी मामला है।


ससुर का कहना है कि उन्होंने बहू से गांव में रहने के लिए कहा था, लेकिन वह वहां रहने को तैयार नहीं है। उनके पास गांव में पैतृक संपत्ति है। वहीं, बहू का कहना है कि सास-ससुर उसे गांव में रहने के लिए कहते हैं, लेकिन वहां मकान नहीं है। यदि मकान बनवा दिया जाए, तो वह पैतृक संपत्ति पर रहने को तैयार है। इस पर दोनों पक्षों के बीच कोई समझौता नहीं हो सका है।