आगरा में लापता बहनों की वापसी: धर्मांतरण गिरोह का खुलासा

धर्मांतरण गिरोह से बचकर लौटने वाली बहनों का मामला

आगरा में धर्मांतरण के गिरोह से बचकर घर लौटने वाली दोनों बहनों के परिवार ने नए खुलासे किए हैं। उनके माता-पिता का कहना है कि उनकी बेटियाँ गिरोह के प्रभाव में पूरी तरह से आ चुकी थीं और पूजा-पाठ का विरोध करती थीं।
रविवार (20 जुलाई 2025) को, उनके माता-पिता आगरा के कैंप कार्यालय में पुलिस आयुक्त से मिले। पिता ने बताया कि उनकी बेटियों का ब्रेनवॉश किया गया था और वे अपने धर्म के बारे में बात करने से भी कतराती थीं।
इसके अलावा, दोनों बहनें अपने परिवार के सदस्यों पर भी धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालती थीं। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल ही में 'ऑपरेशन अस्मिता' नामक अभियान चलाया था, जिसमें एक बड़ा धर्मांतरण गिरोह पकड़ा गया।
इस अभियान के तहत छह राज्यों से कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जो लव जिहाद के माध्यम से धर्मांतरण कराते थे। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह ISIS जैसे आतंकवादी संगठनों की तरह कार्य करता था।
कैसे मिलीं आगरा की बहनें?
मार्च 2025 में आगरा के सदर बाजार थाने में दोनों बहनों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। दोनों बहनें अपना फोन साथ नहीं ले गई थीं और सोशल मीडिया पर अपने असली नामों से सक्रिय नहीं थीं, जिससे पुलिस को उनकी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी।
अंततः, परिवार से मिली जानकारी के आधार पर साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू की। इस दौरान उन्हें इंस्टाग्राम पर एक 'कनेक्टिंग रिवर्ट आईडी' मिली। इस आईडी से जुड़े लोगों की जांच की गई। पुलिस की एक महिला दारोगा ने फर्जी नाम बताकर धर्मांतरण के लिए संपर्क किया।
इस पर उन्हें जवाब मिला, और जवाब देने वाली एक महिला थी। कोलकाता में लोकेशन मिलने के बाद, वहाँ एसीपी के साथ चार टीमें भेजी गईं। दिल्ली, राजस्थान, गोवा, उत्तराखंड और यूपी के अन्य क्षेत्रों में भी टीमें भेजी गईं।
एक ही समय में, पुलिस ने सभी छह राज्यों में छापे मारे। 50 पुलिसकर्मियों ने चार दिन तक हर गतिविधि पर नजर रखी। अंततः, दोनों बहनों को बरामद कर लिया गया और गिरोह का पर्दाफाश हुआ।
परिवार की प्रतिक्रिया और गिरोह का मास्टरमाइंड गिरफ्तार
घर लौटने वाली लड़कियों के माता-पिता ने कहा कि उनकी बेटियाँ चार साल से गिरोह के चंगुल में थीं। उन्होंने उनकी वापसी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आगरा पुलिस का धन्यवाद किया।
इस मामले में एक और बड़ी सफलता के रूप में, ATS और IB ने दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके से गिरोह के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार, अब्दुल रहमान को हाल ही में आगरा में सामने आए बड़े पैमाने पर धर्मांतरण रैकेट का मुख्य सूत्रधार माना जा रहा है।
अब्दुल रहमान के घर की तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में किताबें बरामद की गईं, जिनका उद्देश्य हिंदुओं का धर्मांतरण करना था।