आगरा में पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल, महिला शिक्षिका की शिकायत पर छापा

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक महिला शिक्षिका की शिकायत पर पुलिस की कार्रवाई ने विवाद को जन्म दिया है। शिक्षिका ने आरोप लगाया था कि उसके पति के घर में देह व्यापार चल रहा है। पुलिस ने छापा मारा, लेकिन केवल शांति भंग का मामला दर्ज किया। सीसीटीवी फुटेज में पुलिस द्वारा युवाओं को चेहरा ढककर ले जाते हुए दिखाया गया है, जिसने स्थानीय समुदाय में चर्चा को बढ़ावा दिया है। इस मामले ने आगरा पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
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आगरा में पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल, महिला शिक्षिका की शिकायत पर छापा

पुलिस कार्रवाई का विवाद

आगरा में पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल, महिला शिक्षिका की शिकायत पर छापा


उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक महिला द्वारा दी गई देह व्यापार की सूचना पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। यह मामला थाना सिकंदरा क्षेत्र से संबंधित है, जहां एक शिक्षिका ने अक्टूबर में पुलिस को सूचित किया कि उसके पति के घर में देह व्यापार चल रहा है और वहां कई युवक-युवतियां मौजूद हैं।


पुलिस ने सूचना मिलने के बाद छापा मारा, लेकिन विवाद इस बात को लेकर बढ़ गया है कि पुलिस ने केवल शांति भंग के तहत मामला दर्ज किया। हाल ही में जारी हुए सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि पुलिस ने घर से युवाओं को चेहरा ढककर थाने ले जाते हुए दिखाया।


मामले की विस्तृत जानकारी
महिला शिक्षिका का अपने पति के साथ विवाद चल रहा था। उसने पुलिस को बताया कि उसका पति घर में देह व्यापार का संचालन कर रहा है। पुलिस ने जांच के बाद छापा मारा और पति, उसकी महिला मित्र और एक अन्य महिला को पकड़ा।


इंस्पेक्टर प्रदीप त्रिपाठी ने कहा कि सूचना गलत थी। छापे के दौरान केवल 170 BNS के तहत कार्रवाई की गई और सभी को थाने ले जाकर जेल भेजा गया। उन्होंने महिला शिक्षिका और उसके सहयोगियों द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताया और कहा कि इस मामले की जांच जारी है।


सीसीटीवी फुटेज की चर्चा
वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि पुलिस ने घर में मौजूद युवाओं के चेहरे ढककर थाने ले जाने की कार्रवाई की। इस वीडियो ने स्थानीय समुदाय और सोशल मीडिया में चर्चा को बढ़ावा दिया है। यह मामला आगरा पुलिस की कार्यप्रणाली और झूठी सूचनाओं पर कार्रवाई के तरीके पर सवाल उठाता है।