आगरा में धर्म परिवर्तन मामले में मुख्य आरोपी का चौंकाने वाला खुलासा
आगरा में धर्म परिवर्तन के मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उसने बताया कि वह पिछले 35 वर्षों से सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को इस्लाम में परिवर्तित कर रहा था। रहमान ने स्वीकार किया कि यह कार्य अकेले नहीं किया जा रहा था, बल्कि एक पूरी टीम इसमें शामिल थी। जानें कैसे सोशल मीडिया ने इस धर्मांतरण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Jul 23, 2025, 12:20 IST
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धर्म परिवर्तन का रहस्योद्घाटन
आगरा में धर्म परिवर्तन के मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है, जब मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान ने बताया कि वह एक 'स्लीपर सेल' के रूप में कार्य कर रहा था। पिछले 35 वर्षों से, वह सोशल मीडिया के माध्यम से युवा लड़कों और लड़कियों को निशाना बनाकर गुप्त रूप से इस्लाम में परिवर्तित कर रहा था। आगरा पुलिस की पूछताछ में, रहमान ने खुलासा किया कि वह पहले युवा लड़कों और लड़कियों को अपने जाल में फंसाता था, फिर अपने मुस्लिम साथियों को उनके पास भेजकर उनका ब्रेनवॉश करता था। जब ये युवा वयस्क हो जाते थे, तो उन्हें विभिन्न प्रलोभनों के जरिए मस्जिदों में ले जाया जाता था, जहाँ उन्हें कलमा पढ़वाया जाता था और धर्मांतरित मुसलमानों से विवाह कराया जाता था। यह सब एक सुनियोजित धर्मांतरण प्रक्रिया का हिस्सा था।
सिंडिकेट का खुलासा
रहमान ने स्वीकार किया कि यह कार्य अकेले नहीं किया जा रहा था; इस सिंडिकेट में एक पूरी टीम शामिल थी, जो विभिन्न क्षेत्रों में गुप्त रूप से सक्रिय थी। उसने मौलाना कलीम सिद्दीकी द्वारा लिखी गई किताबों का उपयोग लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए किया। उसके घर से कई किताबें और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं, जिनकी जांच चल रही है। रहमान पिछले 35 वर्षों से इस्लाम का प्रचार करने के लिए लोगों का धर्मांतरण कर रहा था।
सोशल मीडिया की भूमिका
रहमान ने यह भी बताया कि धर्मांतरण के लिए संवेदनशील व्यक्तियों की पहचान करने में सोशल मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पूछताछ के दौरान, उसने आगरा पुलिस को बताया कि धर्मांतरण नेटवर्क के तहत कई लोग गुप्त रूप से स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं। पुलिस अब इस सिंडिकेट के अन्य सदस्यों की पहचान और तलाश कर रही है।