आगरा में 24 साल बाद हत्या के मामले में तीन भाइयों को मिली आजीवन कारावास की सजा

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक स्थानीय अदालत ने 24 साल पुराने हत्या के मामले में तीन भाइयों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला 23 अप्रैल, 2001 को पालिया गांव में एक युवक की हत्या से जुड़ा है। अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद इस निर्णय पर पहुंची, जिसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट और गवाहों के बयान शामिल थे। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और सजा के पीछे की कहानी।
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आगरा में 24 साल बाद हत्या के मामले में तीन भाइयों को मिली आजीवन कारावास की सजा

आगरा में हत्या का मामला

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले की एक स्थानीय अदालत ने फतेहाबाद क्षेत्र में एक युवक की हत्या के लगभग 24 साल बाद तीन भाइयों को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।


अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नरेन्द्र सिंह के अनुसार, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार महाजन ने इन तीनों भाइयों को 23 अप्रैल, 2001 को पालिया गांव निवासी राज बहादुर के बेटे की हत्या का दोषी पाया।


इस घटना के बाद, राज बहादुर ने फतेहाबाद पुलिस थाने में आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। राज बहादुर के बेटे की गोली मारकर हत्या की गई थी।


सिंह ने बताया कि अदालत ने करुआ उर्फ राधेश्याम, अरुण कुमार और उमेश कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही उन पर 1.20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।


इन आरोपियों के खिलाफ 2 अप्रैल, 2002 को आरोप तय किए गए थे। अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट, शिकायतकर्ता और अन्य गवाहों के बयान के आधार पर यह निर्णय लिया।